कान्हा हांस्पीटल के अटैच मेडीकल से बड़ी मात्रा में बरामद हुआ एक्सपायरी मेडीसीन ! हांस्पीटल के कार्यप्रणाली पर उठी उंगली!
एक्सपायरी दवाई के सेवन से मासूम की बिगड़ी तबीयत !
शासकीय सिंबाल युक्त मिला दवाई का स्टांक
तिल्दा-नेवरा । चिकित्सा विभाग की लचीलापन ब्यवस्था के चलते निजी हिस्पीटलो एवं मेडिकलो में मनमानी का आलम है ।जिसके चलते मरीजो के जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है । मेडिकल स्टोर में जहां गुपचुप तरीके से प्रतिबंधित दवाओं का बिक्री हो रही है वहीं नकली व एक्सपायरी दवाओं का बोलबाला भी है । रायपुर जिला के तिल्दा-नेवरा शहर में अनगिनत अर्नगल निजी हिस्पीटलो के अलावा मेडिकल स्टोर्स संचालित हो रहे हैं जहां पर मनमानी का बसेरा है । नगर मे संचालित निजी हिस्पीटलो पर गौर करे तो अधिकतर हास्पीटलो मे नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है ।वहीं इलाज के नाम पर मनचाही वसूली हो रही है । जिसके चलते गरीब तप के मरीज का भविष्य ही अंधेरे में गुम हो जा रही है । कहने का आशय यह है कि गरीब मजबुर मरीज कर्ज के बोझ मे उज्जवल भविष्य को दबा दें रहे हैं । बचा हुआ कसर कुछ मेडीकल स्टोर्स वाले निकाल रहे है जो प्रतिबंधित दवाओं का बिक्री कर युवा वर्ग का जीवन तबाह करने में लगे हुए हैं ।इसकी असल जवाबदेही चिकित्सा विभाग के सक्षम अधिकारियों को माना जा रहा है जिसके अकर्मण्यता के चलते यह पेशा फल फूल रहा है ।बिते दिन नगर के कान्हा हास्पीटल परिसर में संचालित मयंक मेडिकल स्टोर में बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाओं का जखीरा बरामद किया गया।इसका खुलासा तब हुआ जब कान्हा हास्पीटल मे इलाज करवा रहे एक डेढ़ वर्षीय शिशु को हास्पीटल के डाक्टर के द्वारा पर्ची लिखने पर संलिप्त मेडिकल स्टोर्स मंयंक मेडिकल से एक्सपायरी दवाई उपलब्ध कराई गई । दवाई का सेवन करने से शिशु की तबियत बिगडने लगी, तदोपरांत शिशु को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तिल्दा-नेवरा के डाक्टर को दिखाया गया ।तब कहीं जाकर आरोपी मेडिकल स्टोर्स के संचालक का पोल खुला ।इस मामले पर बताया गया है कि इसके पूर्व में भी अनेक घटनाएं घट चुकी है। अब इस मामले से संबंधित हास्पीटल प्रबंधन पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं उनका कहना है कि इनकी रिस्पांसिबिलिटी मेडिकल स्टोर्स संचालक की बनती है।जो कि गले से नहीं उतर रहा है ,चुंकि दवाई का निरिक्षण कर दवाई सेवन ,हिदायत एक डाक्टर के द्वारा ही दिया जाता है । तो फिर इस मामले से संबंधित हास्पीटल कैसे अलग हो सकता है ? मामले की शिकायत पर स्वास्थ्य अधिकारी बीएमओ आशिष सिंन्हा ने मेडिकल स्टोर्स में रखे स्टांक का निरिक्षण किया जहां पर भारी मात्रा में एक्सपायरी मेडिसिन बरामद की गई ।इसकी सूचना ड्रग विभाग को दिया गया । ड्रग विभाग के अधिकारियों ने एक्सपायरी दवाओं को जब्त कर नियमानुसार कार्रवाई की बात कही है । इस मामले ने चिकित्सा विभाग की पोल खोल दिया है । कहां जा रहा है कि इस तरह का जानलेवा धंधा चिकित्सा विभाग के नाक के नीचे फल फूल रहा है और वहीं संबंधित विभाग मदहोश बैठे हुए हैं । मेडिकल स्टोर्स की निरिक्षण के दौरान शासकीय दवाओ का भी जखीरा भी मिला हुआ है । संभावना जताई जा रही है कि पर्चेस के माध्यम से शासकीय दवाईया संबंधित मेडिकल को उपलब्ध हुआ होगा ,इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ काफी नाराज़ दिखे ।इस प्रवित्ति से आगामी कुछ दिनों में स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड पर आ सकती है जिसके चलते शहर मे अर्नगल रूप से संचालित कुछ हास्पीटल व मेडिकलो पर गाज गिरने की संभावनाएं जताई जा रही है ।
्कान्हा हांस्पीटल के अटैच मेडीकल से बड़ी मात्रा में बरामद हुआ एक्सपायरी मेडीसीन ! हांस्पीटल के कार्यप्रणाली पर उठी उंगली! ———- एक्सपायरी दवाई के सेवन से मासूम की बिगड़ी तबीयत ! ———– शासकीय सिंबाल युक्त मिला दवाई का स्टांक ————- शैलेश सिंह राजपूत/ ब्यूरो चीफ तिल्दा-नेवरा । चिकित्सा विभाग की लचीलापन ब्यवस्था के चलते निजी हिस्पीटलो एवं मेडिकलो में मनमानी का आलम है ।जिसके चलते मरीजो के जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है । मेडिकल स्टोर में जहां गुपचुप तरीके से प्रतिबंधित दवाओं का बिक्री हो रही है वहीं नकली व एक्सपायरी दवाओं का बोलबाला भी है । रायपुर जिला के तिल्दा-नेवरा शहर में अनगिनत अर्नगल निजी हिस्पीटलो के अलावा मेडिकल स्टोर्स संचालित हो रहे हैं जहां पर मनमानी का बसेरा है । नगर मे संचालित निजी हिस्पीटलो पर गौर करे तो अधिकतर हास्पीटलो मे नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है ।वहीं इलाज के नाम पर मनचाही वसूली हो रही है । जिसके चलते गरीब तप के मरीज का भविष्य ही अंधेरे में गुम हो जा रही है । कहने का आशय यह है कि गरीब मजबुर मरीज कर्ज के बोझ मे उज्जवल भविष्य को दबा दें रहे हैं । बचा हुआ कसर कुछ मेडीकल स्टोर्स वाले निकाल रहे है जो प्रतिबंधित दवाओं का बिक्री कर युवा वर्ग का जीवन तबाह करने में लगे हुए हैं ।इसकी असल जवाबदेही चिकित्सा विभाग के सक्षम अधिकारियों को माना जा रहा है जिसके अकर्मण्यता के चलते यह पेशा फल फूल रहा है ।बिते दिन नगर के कान्हा हास्पीटल परिसर में संचालित मयंक मेडिकल स्टोर में बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाओं का जखीरा बरामद किया गया।इसका खुलासा तब हुआ जब कान्हा हास्पीटल मे इलाज करवा रहे एक डेढ़ वर्षीय शिशु को हास्पीटल के डाक्टर के द्वारा पर्ची लिखने पर संलिप्त मेडिकल स्टोर्स मंयंक मेडिकल से एक्सपायरी दवाई उपलब्ध कराई गई । दवाई का सेवन करने से शिशु की तबियत बिगडने लगी, तदोपरांत शिशु को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तिल्दा-नेवरा के डाक्टर को दिखाया गया ।तब कहीं जाकर आरोपी मेडिकल स्टोर्स के संचालक का पोल खुला ।इस मामले पर बताया गया है कि इसके पूर्व में भी अनेक घटनाएं घट चुकी है। अब इस मामले से संबंधित हास्पीटल प्रबंधन पल्ला झाड़ते दिख रहे हैं उनका कहना है कि इनकी रिस्पांसिबिलिटी मेडिकल स्टोर्स संचालक की बनती है।जो कि गले से नहीं उतर रहा है ,चुंकि दवाई का निरिक्षण कर दवाई सेवन ,हिदायत एक डाक्टर के द्वारा ही दिया जाता है । तो फिर इस मामले से संबंधित हास्पीटल कैसे अलग हो सकता है ? मामले की शिकायत पर स्वास्थ्य अधिकारी बीएमओ आशिष सिंन्हा ने मेडिकल स्टोर्स में रखे स्टांक का निरिक्षण किया जहां पर भारी मात्रा में एक्सपायरी मेडिसिन बरामद की गई ।इसकी सूचना ड्रग विभाग को दिया गया । ड्रग विभाग के अधिकारियों ने एक्सपायरी दवाओं को जब्त कर नियमानुसार कार्रवाई की बात कही है । इस मामले ने चिकित्सा विभाग की पोल खोल दिया है । कहां जा रहा है कि इस तरह का जानलेवा धंधा चिकित्सा विभाग के नाक के नीचे फल फूल रहा है और वहीं संबंधित विभाग मदहोश बैठे हुए हैं । मेडिकल स्टोर्स की निरिक्षण के दौरान शासकीय दवाओ का भी जखीरा भी मिला हुआ है । संभावना जताई जा रही है कि पर्चेस के माध्यम से शासकीय दवाईया संबंधित मेडिकल को उपलब्ध हुआ होगा ,इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ काफी नाराज़ दिखे ।इस प्रवित्ति से आगामी कुछ दिनों में स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड पर आ सकती है जिसके चलते शहर मे अर्नगल रूप से संचालित कुछ हास्पीटल व मेडिकलो पर गाज गिरने की संभावनाएं जताई जा रही है । ्