बिलासपुर: सिविल लाइन क्षेत्र स्थित मिशन अस्पताल, जो पिछले कई वर्षों से नगर निगम की जमीन पर संचालित हो रहा था, को प्रशासन ने ध्वस्त करने का निर्णय लिया। नगर निगम के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल के भवन को हटाने की प्रक्रिया पूरी की। इस कदम से इलाके में चर्चा का माहौल बन गया है।
मिशन अस्पताल का इतिहास
मिशन अस्पताल लंबे समय से स्थानीय जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवा रहा था। कम शुल्क में इलाज और गरीब वर्ग के मरीजों के लिए यह अस्पताल एक वरदान था। यह अस्पताल नगर निगम की जमीन पर बिना किसी पुख्ता लीज या स्वीकृति के संचालित हो रहा था।
कार्रवाई का कारण
अस्पताल को हटाने के पीछे नगर निगम ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, स्थानीय सूत्रों का मानना है कि यह कदम निगम की जमीन के दुरुपयोग को रोकने और शहरी विकास योजनाओं के तहत लिया गया है।
प्रभावित मरीज और कर्मचारी
अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों और वहां कार्यरत कर्मचारियों को इस कार्रवाई से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई मरीजों को जल्दबाजी में अन्य अस्पतालों में शिफ्ट करना पड़ा। कर्मचारियों को अपने रोजगार और भविष्य की चिंता सताने लगी है।
आगे की योजना
अस्पताल प्रशासन को अब नए स्थान पर अस्पताल को स्थानांतरित करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। नगर निगम द्वारा भी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उस जमीन का क्या उपयोग होगा।
विवाद और आलोचना
नगर निगम की इस कार्रवाई को लेकर लोगों में आक्रोश है। स्थानीय निवासी और सामाजिक संगठनों का मानना है कि गरीबों के लिए काम कर रहे इस अस्पताल को हटाना एक असंवेदनशील कदम है। विरोध में प्रदर्शन की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस जमीन का उपयोग अन्य शहरी विकास कार्यों के लिए किया जा सकता है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि इस जमीन पर अस्पताल के लिए ही एक वैध और सुव्यवस्थित भवन बनाया जा सकता है।
मिशन अस्पताल को हटाना बिलासपुर के लिए एक बड़ा घटनाक्रम है। यह घटना स्थानीय प्रशासन की नीतियों, शहरी विकास, और जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच संतुलन की आवश्यकता को उजागर करती है। आगे की कार्रवाई और अस्पताल का भविष्य क्या होगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।