रियासतकालीन परम्परानुसार बस्तर में इस वर्ष भी हुई होलिका दहन

Rajendra Sahu
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जगदलपुर (संतोष कुमार वर्मा) : 25 मार्च – इस वर्ष भी जगदलपुर मे प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ होलिका दहन किया गया। माड़पाल में होलिका दहन के पूर्व रथ में माई जी की छत्र को आरूढ़ किया। रथ में सवार थे राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव। जगदलपुर में मावली माता मंदिर के सामने दो होलिका (जोड़ा होलिका) तथा मां दंतेश्वरी मंदिर के सामने एक होलिका का दहन किया गया।

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ज्ञात हो कि यहां होलिका दहन के अवसर पर जगन्नाथ मंदिर से निकाली गई भगवान श्री कृष्ण की डोली। जहां रंग-गुलाल लगाकर लोगों ने एक-दूसरे को दिए होली की शुभकामनाएं।
उमंग, उल्लास तथा रंगों का पर्व होली जगदलपुर सहित बस्तर में हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। रात्रि में अनेक स्थानों पर होलिका दहन किया गया। रियासत कालीन परम्परानुसार जगदलपुर से लगभग 16 किमी दूर। ग्राम माड़पाल व जगदलपुर में माता मावली मां मंदिर के सामने तथा मां दंतेश्वरी मंदिर के सामने परम्परानुसार होलिका दहन किया गया। रियासत कालीन परम्परानुसार ग्राम माड़पाल में होलिका दहन के अवसर पर। रात्रि में चार पहिया वाले एक सुसज्जित रथ में माई जी के छत्र को विधिविधान पूर्वक आरूढ़ कर। रथ में बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव सवार हुए। इस रथ को माता के मंदिर के सामने से ग्रामीणों द्वारा खींचकर पारंपरिक वाद्ययंत्रों व बाजे-गाजे व ग्राम के देवी देवता तथा परगना से पधारे। अन्य देवी-देवताओं के साथ होलिका दहन स्थल पर लाया गया। जहां पर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भजदेव द्वारा विधिविधान पूर्वक पूजा-अर्चना करने के बाद। होलिका दहन किया गया।

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बता दे कि माड़पाल में होलिका दहन के अवसर पर ग्रामीणों द्वारा पूजा अर्चना के दौरान होलिका में नारियल, फल तथा मुर्गीयाँ भी आहुति के रूप में समर्पित किया गया। होलिका दहन के अवसर पर ग्राम माड़पाल में रात भर मेला मंडई एवं बाजार लगे रहे। वही यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम चलता रहा। जिसका ग्रामीणों ने खूब लुफ्त उठाया। इसी तरह जगदलपुर में सीरासार चौक के पास स्थित मावली माता मंदिर के सामने दो होलिका (जोड़ा होली) एवं मां दंतेश्वरी के सामने। एक विशाल होलिका का विधिविधान पूर्वक पूजा अर्चना के बाद दहन किया गया। मावली माता एवं मां दंतेश्वरी मंदिर के सामने होलिका दहन के पूर्व भगवान जगन्नाथ मंदिर से भगवान श्रीकृष्ण की डोली (पालकी) निकाली गई। भगवान श्री कृष्ण की यह डोली भगवान जगन्नाथ मंदिर से निकलकर गोलबाजार चौक, मिताली चौक से परिक्रमा पथ एक चक्कर लगाकर मावली माता मंदिर के सामने। दो होलिका (जोड़ा होली) के पास लाया गया। जहां पर सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करने के बाद होलिका की पूजा की गई। इसके बाद दोनों होलिका (जोड़ा होली) का दहन किया गया।
माता मावली मंदिर के सामने दो होलिका (जोड़ा होली) दहन के बाद मां दंतेश्वरी मन्दिर के सामने सिंहदयोढ़ी पर एक विशाल होलिका का दहन पूजा अर्चना के साथ किया गया।

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इस अवसर पर हजारो की संख्या में लोगो का हुजूम उमड़ा था। होलिका दहन के बाद लोग होलिका की परिक्रमा कर पूजा करते एवं नारियल होलिका पर चढ़ाते थे। होलिका दहन के साथ ही लोग एक दूसरे को गुलाल लगाकर एवं गले मिलकर होली की शुभकामनाएं देते रहे।

हालिका दहन के बाद आज सुबह से ही बच्चे एवं युवा वर्ग अनेक रंगों के गुलाल से पिचकारी भरकर लोगों को रंग डालते रहे। शहर के कई स्थानों पर युवा वर्ग डीजे की धुन पर होली गानों पर नाचते व गाते नजर आए। होली के अवसर पर किसी प्रकार की अनहोनी व दुर्घटना से बचने के लिए पुलिस विभाग द्वारा सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। नगर के चौक-चौराहों के अलावा इन्द्रावती नदी में महादेव घाट, खडग़घाट सहित दलपत सागर, गंडामुण्डा सहित। जहां लोग नहाने जाते हैं। उन स्थानों पर सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं।

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