जाने क्यों हेमचंद मांझी को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री दिया गया

Rajendra Sahu
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बस्तर : इस वर्ष छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित करने वाली महत्वपूर्ण सम्मान भारत सरकार के द्वारा दिया गया। जिसमे विशेष रूप से भारत सरकार- राष्ट्रपति माननीय द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा छत्तीसगढ़ के जनसेवक एवं प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ के वैधराज श्री हेमचंद माझी जी को जो की जिला नारायणपुर,बस्तर को पिछले सप्ताह ही पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। जो छत्तीसगढ़ के लिए बडे गर्व की बात है।

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बता दे कि सूत्रों के अनुसार इनके लोगों के प्रति योगदान,सेवा भाव,इलाज करने का तरीका को देख कर व पुरी छत्तीसगढ़ व देश भर से ही नही बहुत से विदेशों के लोग गंभीर व बडी बिमारीयो के इलाज के लिए आते रहे हैं। जी के कारण वैधराज हेमचंद मांझी जी प्रसिद्धि हासिल कर लिया है।

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गौरतलब हो कि मांझी जी से उनके विचार व भावी जन हितैषी योजनाओं के बारे में पुछने पर उनके द्वारा बताया गया। जिसमे उन्होंने कहा कि यदि उनके लिए दो-तीन एकड़ खाली जमीन अगर मिलता है। तो वह उस खाली जमीन में आयुर्वेदिक पौधों को लगाकर संरक्षित करते और लोगों का और भी बेहतर तरीके से निशुल्क सेवा कर पाते।

ज्ञात हो कि पद्मश्री से सम्मानित मांझी जी का इलाज करने का अनोखा तरीका व विशेषता जानकर सुनने व देखने वालो के लिए हैरत मे डाल देगा। जाने उनके इलाज करने का तरीका क्या है।

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इलाज का तरीके मे वैद्यराज जी अपने एक डंडे की एक किनारे को वह पढ़ते हैं। वही दूसरे किनारे को मरीज को पकड़ा कर सभी समस्या को बता देते है।
इलाज हेतु दुनिया भर से लोग आते रहते है। मसलन: अमेरिका,इंग्लैंण्ड,तेलंगाना, उड़ीसा इत्यादि।
सभी बिमारीयो का जांच व ईलाज बिना ऑपरेशन के समस्त बीमारी का इलाज जैसे ब्लड कैंसर,कैंसर,सिकलीन,शुगर, साइटीका,लकवा इत्यादि।

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बडी बात यह है कि उनके द्वारा इलाज बिल्कुल नि:शुल्क किया जाता है। मात्र : जड़ी बूटी का सहयोग शुल्क लेता है। जिसमे एक माह की दवा का 300-500 ₹ लिया जाता है।
वही समस्त इलाज पौराणिक जड़ी बूटी पद्धति से किया जाता है।
वर्तमान में वैद्यराज हेमचंद मांझी जी के गुण व लोकप्रियता को देखते हुए। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग द्वारा पुलिस सुरक्षा प्रदान किया गया है।

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