राजनांदगांव : जिला राजनांदगांव अंतर्गत कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में मनरेगा अंतर्गत चल रहे जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यो का निरीक्षण किया गया, जिसमें सर्वप्रथम जनपद पंचायत डोंगरगांव के ग्राम पंचायत बडगांव चारभाठा अंतर्गत निर्माण किये जा रहे। अमृत सरोवर अंतर्गत कार्यो का निरीक्षण किया गया तथा कार्यरत श्रमिकों से मनरेगा के संबंध में किये जा रहे कार्य, खातों प्राप्त हो रहे भुगतान तथा मनरेगा के अलावा जीविका उपार्जन के अन्य माध्यमों के संबंध में चर्चा की तथा ग्रामीणों द्वारा ग्राम पंचायत के अन्य आवश्यकतों के संबंध में कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के समक्ष अपनी मागो के संबंध में चर्चा की।
जिसके पश्चात जीआईएस पद्धति से स्थल चिन्हांकित करते हुए मिशन जल रक्षा 2.0 अंतर्गत किये जा रहे भु-जल संरक्षण अंतर्गत किये गये स्ट्रेगर ट्रेन्च एवं मिनी परकोलेश्न टैंक निर्माण कार्यो का निरीक्षण किया गया जिसमें निर्मित टैंक की क्षमता, किये गये कार्यो अंतर्गत भविष्य में होने वाले लाभ के संबंध में चर्चा की गई तथा कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने निर्देश्ति किया गया। जिसके पश्चात ग्राम पंचायत कलडबरी जनपद पंचायत छुरिया का निरीक्षण किया गया जिसमें वृक्षारोपण, तालाब गहरीकरण, मिनी परकोलेश्न टेंक, स्ट्रेगर ट्रेन्च के निर्माण कार्यो का निरीक्षण किया गया तथ आस-पास के ग्रामीणों से चर्चा की गई।
जिस पर ग्रामीणों द्वारा उक्त कार्य से होने वाले लाभ के संबंध में जानकारी प्रदान की। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री सुरूचि सिंह द्वारा निगम क्षेत्र शिवनाथ नदी से लगे हुए आक्सीजोन का अवलोकन किया गया एवं भविष्य में उक्त क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किये जाने हेतु प्रयास किये जाने के संबंध में कार्य योजना पर चर्चा की गई, निरीक्षण के दौरान श्री अग्रवाल एवं सुश्री सिंह के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डोंगरगांव श्री नवीन सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत छुरिया श्री नरायण बंजारे, मनरेगा सहायक परियोजना अधिकारी, कार्यक्रम अधिकारी एवं तकनीकी सहायक उपस्थित रहें। कलेक्टर श्री अग्रवाल द्वारा अधिकारियों को राजनांदगांव जिले के लिए भु-जल संरक्षण एवं सवर्धन हेतु किये जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए मिशन जल रक्षा 2.0 में विशेष रूचि लेते हुए अधिक से अधिक भु-जल संवर्धन पर कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया।