सरायपाली (सुरोतीलाल लकड़ा)
: भाजपा मण्डल महामंत्री सरायपाली प्रमोद कुमार सागर जी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि भूपेश बघेल सरकार द्वारा राजस्व विभाग के आयुक्त भू अभिलेख में भुइयां सॉफ्टवेयर को लेकर बड़ा बदलाव किया जिससे किसान अपनी भूमि संबंधित किसी भी तरह के त्रुटि सुधार हेतु तहसीलदार की जगह एसडीएम को आवेदन दिया जा रहा था। जिससे किसानों को भारी परेशानी एवं कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। जिसे छत्तीसगढ़ शासन के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय विष्णु देव साय जी एवं राजस्व मंत्री माननीय टंकराम वर्मा जी ने भूमि स्वामी की परेशानी व कार्य में अधिक कठिनाई एवं समस्याओं को देखते हुए छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 (क्र. 20 सन 1959) की धारा 24 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा एतद् द्वारा उक्त संहिता की धारा 115 के अधीन तहसीलदार को उक्त शक्तियां प्रदत्त करती है।
बता दे कि आगे प्रमोद कुमार सागर जी ने कहा कि तहसीलदार को निम्न शक्तियां दिया है। जिससे भूमि स्वामी/उसके पिता/पति के नाम/उपनाम, जाति, पते में लिपिकीय त्रुटि सुधार करना, कैफियत कॉलम में की गई त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि में सुधार करना. त्रुटिवश जोडे़ गये खसरों को पृथक करना/भूमि के सिंचित/असिंचित होने संबंधी प्रविष्टि में सुधार करना भूमि के एक फसली/बहु फसली की प्रविष्टि में त्रुटि सुधार करना. अब रकबा, खसरा या फसल संशोधन जैसे छोटे-छोटे कार्यों का त्रुटि सुधार कराना आसान होगा।
ज्ञात हो कि आगे सागर जी ने कहा कि पहले छोटा सा सभी त्रुटि सुधार के लिए भूमि स्वामियों को अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन देना पड़ता था। फिर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा ज्ञापन तहसीलदार के नाम से जारी होता था और तहसीलदार द्वारा पटवारी को ज्ञापन जारी होता था। उसके बाद पटवारी द्वारा जांच कर प्रतिवेदन तहसीलदार कार्यालय में जमा करते थे फिर तहसीलदार कार्यालय से अनुविभागीय अधिकारी को अपना प्रतिवेदन भेजते थे। उसके बाद अनुविभागीय अधिकारी द्वारा आदेश जारी होता था उसके बाद ही छोटा सा भी त्रुटि सुधार हो पाता था जिसमें 1 से 2 माह का समय लगता था. छत्तीसगढ़ राजपत्र के अधिसूचना से अब सप्ताह भर में सभी कार्य हो जायेगा. भूमि स्वामियों के त्रुटि सुधार का कार्य सरलता से हो जिसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय विष्णु देव साय जी एवं लोकप्रिय राजस्व मंत्री माननीय टंकराम वर्मा जी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया!