रायपुर (जयराम धीवर) : पूरी संभावना है कि 2024 के अंत तक या 2025 में केंद्र सरकार नए परिसीमन आयोग का गठन कर देगी और वह आयोग देश के सभी राज्यों में दौरा कर, सभी राजनीतिक पार्टियों और सभी प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर लोकसभा और विधानसभा के नए सिरे से सीटों की सीमाएं तय करेगी.पिछले (1952, 1963, 1973 और 2002) समय जो परिसीमन आयोग (2002) गठित किया गया था। उसने केंद्र सरकार को सुझाव दिया था कि 75,000 मतदाता के पीछे एक विधानसभा होनी चाहिए और 6 लाख मतदाता के पीछे एक लोकसभा क्षेत्र होना चाहिए। यह सुझाव केंद्र सरकार के पास विचाराधीन है।
बस्तर संभाग और सरगुजा संभाग में अगर परिसीमन ठीक से होता है तो जनसंख्या अनुपात के अनुसार विधानसभा सीटों की संख्या तो बढ़ेगी ही। कुछ सीटें सामान्य भी हो सकती है यह अलग बात है कि उसमें पिछड़ा वर्ग को ज्यादा महत्व दिया जा सकता है। लेकिन मतदाता संख्या उनकी होने के कारण कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टी पिछड़ा वर्ग को ज्यादा महत्व देने के लिए अपनी संगठनात्मक क्षमता में बढ़ोतरी करेंगे। लोकसभा की 78 सीटें बढ़ेंगी, 2026 से परिसीमन शुरू होगा, इससे दक्षिणी राज्यों को नुकसान नहीं है। सरकार जनसांख्यिकी का संतुलन भी साधेगी, अभी लोकसभा में 543 सदस्य और राज्यसभा में 245 सदस्य हैं। लोकसभा सीटों को लेकर परिसीमन प्रक्रिया की शुरुआत सन् 2026 से होगी।