तिल्दा नेवरा : समीपस्थ क्षेत्र के थाने से महज 8 किलो मीटर दूर पर स्थीत ग्राम खम्हरिया निवासी मजदुर नेता दिलीप कुमार वर्मा जो कि पंचायत, सीमेंट, स्पंज आयरन ,पांवर प्लांट,क्षेत्र के सभी उद्योगों के श्रमिकों के अधिकारों को दिलाने के लिए जाने जाते है। वही दिलीप कुमार वर्मा तिल्दा नेवरा मे ” आज का आलाप ” जो की प्रिंट मीडिया है। उसमे मे अडिगता व निर्पभिगता के साथ सच व अन्याय, शोषण, अपराध, गैरकानूनी जैसा मामलो को भी गंभीरता से प्रकाशित करने का काम करते है।
अवगत हो की बीते 18 सितंबर की दरम्यानी रात लगभग 10:30 बजे कुछ अज्ञात लोगो द्वारा दिलीप कुमार वर्मा जी के घर पहुंचकर मेन गेट मे अश्लील गाली गलौज देते हुए। धमकी भरी आक्रोशित ऊंची आवाज में यह कह रहे थे। कि बाहर निकल जान से जायेगा कहते हुए। पत्थर ईट से दरवाजे पर मारते हुए। इस प्रकार से दिलीप कुमार वर्मा के व उसके घर परिवार व मोहल्ले मे दहशत का माहोल बनाया।
बता दे कि इससे उनके घर परिवार व मोहल्ले के लोगों मे भय व दहशत का वातावरण निर्मित हो गया है। इस बात को लेकर दिलीप कुमार वर्मा व मुहल्ले वाले इस जान लेवा हमले के प्रयास किये जाने की शिकायत पुलिस थाना तिल्दा मे किया गया है। इस पर तिल्दा नेवरा पुलिस थाने के थानेदार द्वारा जल्द से जल्द कार्यवाही कर, अज्ञात लोगो की पतासाजी कर, गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है।
गौरतलब हो कि आज कल आये दिन देखा जा रहा है। जब से औद्योगिक क्षेत्र बना तब से खुलेआम अपराध बढता जा रहा है। यहा क्षेत्र में अपराध आमबात व चरम पर है। क्योंकि कभी पत्रकारो के ऊपर हमला किये जा रहे है। कभी जनहितैषी व सेवाभावी समाजसेवीयो, श्रमिक नेताओं, व अन्याय, अत्याचार के खिलाफ लडने वाले लोगो पर हत्या का प्रयास, धमकी, परेशान करना, जालसाजी करना आदि हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। इस पर पुलिस प्रशासन व शासन को इन मामलों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। और तो और प्रदेश मे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को संभालने कि जिम्मेदारी शासन को करनी चाहिए ।वही क्षेत्र के पत्रकारों, श्रमिक यूनियनों, श्रमिकों व ग्रामीणों को एकजुट होकर घर से बाहर निकल कर इसका पुरजोर विरोध करने की जरूरत है। अन्यथा कोई पत्रकार स्वतंत्र रूप से किसी भी मामलो मे सही व गलत, अन्याय, अपराध जैसे बात को जनता तक नही पहुंचा पायेगा। केवल अपराधियों, पूंजीपतियों, उद्योगपतियो, व दबंगों का ही राज व बोलबाला रहेगा। इस लिए अब क्षेत्र के लोगों को जागने, एकजुट होने का समय आ चुका है।