उत्तम हास्पिटल मे नर्स फंदे मे मीलने से प्रशासन की बडी लापरवाही उजागर

Rajendra Sahu
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तिल्दा नेवरा : उत्तम हॉस्पिटल की नर्स फांसी के फंदे पे लटकी पाई गई थी । तब पुलिस ने शव का पंचनामा कर परिजनों को सौंप दिया था। पर यह मामला हत्या या आत्महत्या का है। बहरहाल यह तिल्दा पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना में लिया है ।

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ज्ञात हो कि तिल्दा नगर के वार्ड क्रमांक 4 में निजी नर्सिंग होम उत्तम हॉस्पिटल के एक कमरे में उसी अस्पताल में कार्य करने वाली नर्स थी। जीसका नाम सुमित्रा देवांगन, उम्र लगभग 35 वर्ष के रूप में उसकी शव फांसी के फंदे पे लटकी मिली थी। तब सूचना पर तिल्दा पुलिस घटना स्थल पहुंची। जहां शव को पंचनामा कर पोस्ट मार्डम हेतु भेज दिया गया था। इस मामले में पुलिस के अनुसार परिजनों को जानकारी देकर शव को उसके सुपुर्द कर दिया गया। वही मामले को मर्ग कायम कर विवेचना में ले लिया गया था। पोस्ट माडम रिपोर्ट आने के बाद विधिवत कार्यवाही की जाएगी।

गौरतलब हो कि तिल्दा नेवरा के इस उत्तम हॉस्पिटल पूर्व में शोभा हॉस्पिटल के नाम पर संचालित था। कुछ समय पूर्व इसे कानूनी कार्रवाई के चलते बंद करना पड़ा था। वर्तमान में अन्य नाम से इसे पुनः संचालित किया जा रहा है। वही जिस चिकित्सक के नाम से उक्त अस्पताल का पंजीयन है। वह डॉक्टर रायपुर के निजी हास्पिटल मे कार्यरत है। जो कि उत्तम हॉस्पिटल डॉक्टर सिद्धार्थ सिसोदिया के नाम से पंजीकृत है। वहीं उक्त अस्पताल को बी के विश्वास नामक कोई व्यक्ति चला रहा है। जिसके पास चिकित्सा कार्य व हास्पिटल चलाने की डिग्री नहीं है । इस संदर्भ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिल्दा के प्रभारी उमा पैकरा ने उत्तम हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर सिद्धार्थ सिसोदिया से चर्चा की तथा उन्हें प्रतिदिन उपस्थित रहने के लिए निर्देशित कियाहै।

बता दे कि तिल्दा की बी एम ओ उमा पैकरा ने कहा की उत्तम हॉस्पिटल का संचालन डाक्टर सिद्धार्थ सिसोदिया द्वारा किया जा रहा है। अगर डाक्टर 24 घंटे उपलब्ध नहीं रहते है। और उनकी गैर मौजूदगी में किसी और डाक्टर द्वारा मरीजों का इलाज किया जाता है। तो उनको अस्पताल बंद करना पड़ेगा ।
डॉक्टर सिसोदिया से हमारे प्रतिनिधि से मोबाइल पर चर्चा नहीं हो सकी।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में शोभा हॉस्पिटल के नाम पर विभिन्न घटनाओं को लेकर पुलिस कार्रवाई हुई थी। जिसकी वजह से उक्त अस्पताल को बंद करना पड़ा था। वही इस मामले में मृतक के परिजनों से बात करने का प्रयास किया गया। पर अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में व्यवस्त के कारण परिजनों ने बाद में बात करने की बात कही है।

आपको बता दे की यहा बडी लापरवाही व गैरजिम्मेदाराना काम तिल्दा नेवरा के इस प्राथमिक स्वास्थ केंद्र की उजागर हुई है। क्योंकि विभाग की उदासीनता के चलते गरीब और मजबूर लोगो के स्वास्थ के साथ ऐसे डिग्री हीन डाक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है। यहाँ पर ऐसे कई नर्सिंग होम संचालित है। जहां पर एम बी बी एस डाक्टर का नाम लिखा गया है। परन्तु वहां पर इलाज के लिए वे उपलब्ध नहीं रहते है। उनकी जगह पर डिग्री हीन डाक्टर और नर्सो के द्वारा इलाज किया जाता है। जिसका जीता जागता उदाहरण उत्तम हॉस्पिटल है। अब देखना यह है की स्वास्थ विभाग अपनी जिम्मेदारी किस तरह से निभाता है।

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