बिलासपुर (जयराम धीवर) : छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ के बैनर तले छठवां विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर
श्री एम.आर. निषाद जी के नेतृत्व में विशाल मछुआरा सम्मेलन छत्तीसगढ़ मछुआ समाज के द्वारा आयोजन किया जा रहा है। नवीन धीवर युवा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जानकारी दिया गया कि इस सम्मेलन में हमारी प्रमुख मांग अनुसूचित जनजाति आरक्षण पर चर्चा परिचर्चा कर भारत शासन द्वारा 7 जनवरी 1950 को राजपत्र में मांझी के अंतर्गत केवट, मल्लाह, भोई, धीवर को संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप आरक्षण दिया गया था। जिसे बाद में राजनीतिक षडयंत्र के तहत विलोपित करके मछुआरा समाज को इससे होने वाले लाभ से वंचित रखा गया।
सामाजिक नेताओं के प्रयास से पूर्व में 8 मई 2008 को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा अपने कैबिनेट में उक्त जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधित प्रस्ताव पारित कर केंद्र शासन को भेजा गया था। किन्तु गलत निरर्जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट भेजे जाने के कारण केंद्र शासन द्वारा पुनः सुधार के लिए वर्ष 2009 मे छत्तीसगढ़ शासन को वापिस किया गया था। जिसे सुधार कर तात्कालिक सरकार से दुबारा भेजने के लिए आग्रह किया गया था। किन्तु छत्तीसगढ़ शासन से रिपोर्ट नहीं जाने के कारण आज भी प्रकरण लंबित है। आरक्षण का लाभ हमारे मछुवारा समाज को नहीं मिल रहा है।
इसका मुख्य कारण मछुवारा समाज का टुकड़ों टुकड़ों में विभाजित होना है। अब वक्त आ गया है सड़क से लेकर सदन तक अपने हक एवं अधिकार की लड़ाई के लिए संगठित शक्ति का अधिक से अधिक प्रदर्शन करना नितांत आवश्यक हो गया है।
सभा समापन के पश्चात एक विशाल रैली के जरिये शांतिपूर्वक अपनी मांगों के संदर्भ में कलेक्टर बिलासपुर के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी छत्तीसगढ़ शासन को ज्ञापन सौपा जाएगा।
अभी नहीं तो कभी नहीं- नवीन धीवर
समस्त मछुआरा समाज के जिला अध्यक्षों एवं पदाधिकारीगण बैठक लेकर स्वजातीय बंधुओ ,माताओं ,बहनों को प्रेरित कर 21 नवंबर ,बाजपेई मैदान बिलासपुर सभा स्थल में ज्यादा से ज्यादा उपस्थिति दिलाकर मछुवारा सम्मेलन को सफल बनाएं। यह जानकारी रामबनवास धीवर मीडिया प्रभारी
जांजगीर चांपा ने दी।