तिल्दा : तिल्दा नेवरा में किसान अपने धन के पैसे को निकालने के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है बता दे की जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक में किसान सुबह से लेकर शाम तक के चक्कर काट रहा है जीन अन्नदाताओं से छत्तीसगढ़ सरकार वादा किया था कि उनके एक-एक दाने को खरीद कर यथाशीघ्र पैसा उनके खाते में जमा की जाएगी जहां तक सरकार तो अपना वादा पूर्ण तो कर रही है लेकिन जिस बैंकों से किस को पैसा निकालना है उन्हें बैंक के चक्कर काटने को मजबूर हैं किसानों ने बताया कि बैंक के कैशियर भाटापारा से ट्रेन के समय मे लगभग 12:00 के बाद ही आता है जिस कारण हम लोगों को सुबह से शाम तक बैंक में ही खड़े रहना पड़ता है ऐसे ही अधिकारियों के नाम से सरकार बदनाम हो रही है सरकार को भी चाहिए कि ऐसे कर्मचारी के ऊपर लगाम कसे और जरूरत पड़ने पर इनके ऊपर कार्यवाही भी करें।तिल्दा : तिल्दा नेवरा में किसान अपने धन के पैसे को निकालने के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है बता दे की जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक में किसान सुबह से लेकर शाम तक के चक्कर काट रहा है जीन अन्नदाताओं से छत्तीसगढ़ सरकार वादा किया था कि उनके एक-एक दाने को खरीद कर यथाशीघ्र पैसा उनके खाते में जमा की जाएगी जहां तक सरकार तो अपना वादा पूर्ण तो कर रही है लेकिन जिस बैंकों से किस को पैसा निकालना है उन्हें बैंक के चक्कर काटने को मजबूर हैं किसानों ने बताया कि बैंक के कैशियर भाटापारा से ट्रेन के समय मे लगभग 12:00 के बाद ही आता है जिस कारण हम लोगों को सुबह से शाम तक बैंक में ही खड़े रहना पड़ता है ऐसे ही अधिकारियों के नाम से सरकार बदनाम हो रही है सरकार को भी चाहिए कि ऐसे कर्मचारी के ऊपर लगाम कसे और जरूरत पड़ने पर इनके ऊपर कार्यवाही भी करें।