भाजपा सरकार ने 7 माह में औसतन 4000 करोड़ हर माह कर्ज लिया – कांग्रेस

Rajendra Sahu
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रायपुर(जयराम धीवर) 02 अगस्त : साय सरकार ने 6 माह में कर्ज लेने का नया रिकार्ड बनाया है एक वित्तीय वर्ष मे छत्तीसगढ़ ने कर्ज लेने का नया रिकार्ड बनया है राज्य ने एक वित्तीय वर्ष मे 28000 करोड़ का कर्ज लिया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सभी कल्याण कारी योजनाओं को बंद करने के बाद भी सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है। साय सरकार ने रिजर्व बैंक से 7 माह में हर महीने औसतन 4000 करोड़ कर्ज लिया है।सरकार चलाने वालों को छह माह में ही पसीना निकल गया। तथा सरकार का आर्थिक प्रबंधन गड़बड़ा गया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 5 सालों में जनता के खाते में सीधे 2 लाख करोड़ डाला था। वर्तमान सरकार ने बेरोजगारी, गोबर खरीदी, गोठान संचालन, युवा मितान क्लब सभी कुछ बंद कर दिया उसके बाद सरकार कर्ज पर कर्ज लिये जा रही है। गाईड लाईन के दरे में 30 प्रतिशत छूट घटा दिया, शराब की कीमत बढ़ा दिया, जीएसटी में जबरिया वसूली हो रही, बिजली के दाम बढ़ा दिये फिर भी सरकार का खजाना खाली हो गया है।

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प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने पांच सालों में राज्य की जनता के ऊपर एक रू. भी अतिरिक्त कर्ज का बोझ नहीं डाला था। बिजली बिल आधा ही आता था, संपत्तिकर में एक रू. की भी बढ़ोत्तरी नहीं की गयी थी, डीजल पेट्रोल के वेट में कटौती की गयी थी। जमीनो के गाईड लाईन में पूरे पांच सालों तक एक रू. की भी बढ़ोत्तरी नहीं की गयी थी। इतनी राहतो के बावजूद कांग्रेस सरकार से जनकल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता में रखा। गोधन न्याय योजना के माध्यम से लगातार लोगो की सहायता की गयी। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति मजबूत रही।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में वित्तीय अनुशासन और कुशल प्रबंधन का कीर्तिमान स्थापित किया था। अर्थव्यवस्था के तीनों सेक्टर कृषि, सेवा और उत्पादन के क्षेत्र में कांग्रेस सरकार के दौरान 2018 से 23 तक छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है। छत्तीसगढ़ विगत 3 वर्षों से कोई भी नया कर्ज़ नहीं लेने वाले देश के 4 राज्यों में अग्रणी राज्य रहा है। भूपेश सरकार में किसी भी तरह से ना कोई नया कर लादा गया और न ही किसी भी तरह से पूर्व से लगाए गए करो में कोई वृद्धि की गई, बल्कि सब्सिडी, राहत और रियायत लगातार छत्तीसगढ़ की जनता को मिलते रहा।

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