रायपुर (जयराम धीवर) : छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पत्रकार और विधिक सलाहकार अशोक त्रिपाठी के द्वारा लिखित किताब “उम्र 21 साल सजा 20 साल की” का आज विमोचन किया। यह किताब बालको पर यौन हिंसा और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम का इसके अपराध को रोकने पर प्रभाव के विषय पर आधारित है।
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के सख्त उपाय के लागू होने के बाद से इसके अपराधों में कमी आई है। सख्त सजा के चलते छत्तीसगढ़ राज्य के कई जिलों में भी बालको पर यौन हिंसा केअपराध में कमी की दिशा में सुधार दिख रहा है। श्री त्रिपाठी ने बताया कि यह किताब खासतौर पर युवाओं को बालको पर यौन हिंसा से संबंधित अपराध से बचने के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से लिखी गई है। ऐसे अपराध के ज्यादातर प्रकरणों में आरोपियों की उम्र 19 साल से 30 साल तक की पाई गई है। इसलिए ऐसे अपराधों को रोकने के लिए इस उम्र वर्ग के युवाओ को जागरूक करना बहुत जरूरी है, ताकि युवा ऐसे अपराधों से बच सके। जो युवा इस अपराध में लिप्त हो जाते हैं उनको अपनी जिंदगी का बहुत कीमती समय जेल के सिंखचों के पीछे भुगतना पड़ जाता है।
अपने शासकीय कार्यालय में विमोचन के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने लेखक श्री त्रिपाठी को शुभकामनाएं दी है।