मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की सौजन्य मुलाकात

Rajendra Sahu
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रायपुर (जयराम धीवर) : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को बस्तर ओलंपिक के समापन और पुलिस अवार्ड कार्यक्रम में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया। जिसे गृह मंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

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बता दे कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों की हालिया उपलब्धियों और बस्तर संभाग में चलाए जा रहे विकास कार्यों के सम्बन्ध में केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि सरकार द्वारा सड़कों, स्कूलों, स्वास्थ्य सुविधाओं और रोजगार के लिए किए गए प्रयासों ने स्थानीय जनता का भरोसा जीता है, जिससे माओवादी प्रभाव कमजोर हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों के कारण बस्तर क्षेत्र में नक्सल प्रभावित इलाकों में घटनाओं में तेजी से कमी आई है। सरकार के प्रयासों से बस्तर अब नक्सल मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सुरक्षा बल लगातार प्रभावी अभियान चला रहे हैं, और विकास कार्यों ने इसमें अहम भूमिका निभाई है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त कर लिया जाएगा। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 15,000 मकानों के निर्माण को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को बस्तर ओलंपिक के महत्व और राज्य में इसके प्रभावों के बारे में भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह आयोजन युवाओं को खेलों के माध्यम से जोड़ते हुए। शांति और विकास की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है।

अब तक इस ओलंपिक में 1.65 लाख से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बस्तर ओलंपिक में हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी और वॉलीबॉल समेत 11 पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है, जो युवाओं को एकजुटता, सकारात्मकता और सामुदायिक भावना से जोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की एक नई लहर का प्रतीक है।

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