अंबिकापुर मे आम नागरिक त्रस्त यातायात प्रभारी मस्त

Rajendra Sahu
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अंबिकापुर : शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल होती नजर आ रही है।पूरे शहर में चाहे मुख्य शहर मार्ग हो या अन्य मार्ग सारे सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। लगातार अफसरों को अवगत कराने के बाद भी उनकी अनदेखी आमजनों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है।

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यातायात व्यवस्था आज शहर की प्रमुख मुद्दों में से एक है जिसकी तरफ से शासन और प्रशासन मुंह फेरती नजर आ रही ही। अधिकारी, कर्मचारी यातायात व्यवस्था का जायजा लेना तो दूर शिकायतों की भी अनदेखी कर देते है जिससे आम जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती है इस दिशा में कथित यातायात प्रभारी का अंकुश न होना अनेेक संदेहों को जन्म दे रहा है। कहने को शहर के हर चौक-चौराहोें में यातायात पुलिस की तैनाती तो रहती है, मगर उनके सुस्त रवैए से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो गई है। यातायात विभाग के उदासीन रवैए से आमजनों और राहगीरों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है जिससे शहर के निवासियों में भारी रोष है।

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शहर में यातायात व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं एवं घंटो तक शहर की सड़कों में जाम से आम नागरिक परेशान हो रहे,अपने गंतव्य तक पहुंचने में घंटों लग रहे हैं।ऐसा कोई स्थान नहीं बचा होगा जहाँ रात के समय लागातार घंटो जाम न लग रहा हो परन्तु आला अफसरों से आशीर्वाद प्राप्त यातायात प्रभारी कभी कभार यातायात व्यवस्था के नाम पर वाहनों पर चलानी कार्यवाही कर लाखों की वसूली कर ली जाती है।

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कुछ दिनों पहले सरगुजा सांसद का काफिला एवं एम्बुलेंस घंटो फसा था जाम में

अभी कुछ दिनों पूर्व सरगुजा सांसद चिंतामणि महराज का काफिला एम. जी. रोड में घंटों जाम में फंसा हुआ था।जिसके बाद काफिले में मौजूद पुलिस कर्मियों कों काफ़ी मशक्कत करना पड़ा बड़ी मुश्किल से सांसद महोदय का काफिला आगे बढ़ सका जहाँ एक ओर सरगुजा सांसद का काफिला जाम में फसा रहा ठीक उसी समय एक एम्बुलेंस भी घंटो तक जाम में फसा रहा।एम्बुलेंस तक घंटो जाम में फस रहे हैं उसके बाद भी नाकामयाब यातायात प्रभारी पर आला अधिकारियों की मेहरबानी बनी हुई हैं.

यातायात प्रभारी स्वयं खुलेआम उड़ा रही नियमों की धज्जियां

पुलिस लाईन निरीक्षक एवं बहुशाखा के साथ-साथ यातायात प्रभारी जी के कार्यकाल में पुलिस लाईन में MTO शाखा से तमाम प्रकार के अधिकारीयों एवं नेता-मंत्रियों के क़ाफ़िलो एवं प्रोटोकाल जैसे कई अन्य ड्यूटी में 4 चक्का वाहन कों प्राइवेट संस्थानों से अधग्रहित किया गया है।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार MTO शाखा में अगर महीने में 100 वाहनों की जरुरत पड़ती है तों लगभग-लगभग 90 वाहन प्राइवेट वाहन एवं प्राइवेट नंबर वाले वाहन दिखेंगे जिसका RTO में वाहन का रजिस्ट्रेशन निजी उपयोग के लिए होना बताया गया है परन्तु नियम विरुद्ध तरीके से MTO शाखा में अधिकांश वाहन कों हायर कर भुगतान किया जा रहा है इस तरह का खेल लम्बे समय से सम्बंधित विभाग में चल रहा है।पुलिस लाईन के MTO शाखा में 4 चक्का वाहनों कों तमाम नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए MTO शाखा में हायर किया जा रहा है और कमर्शियल वाहन की तरफ से एकदम मुँह फेर रखा है। तमाम प्रकार से नियमों की धज्जियाँ उड़ाने वाली यातायात प्रभारी शासन के नियमों का खुद पालन नहीं कर रही है। जानकारी के अनुसार किसी भी शासकीय संस्थान में वाहन लगाने के लिए वाहन का टैक्सी परमिट होना जरुरी हैं उसके बाद ही सम्बंधित विभाग उस टैक्सी वाहन का भुगतान कर सकता हैं परन्तु यहां तमाम नियमों कों ताक में रखते हुए समस्त वाहनों का भुगतान किस हिसाब से होता हैं यह भी जांच का विषय है।

एक ही निरीक्षक के पास एक साथ कई प्रभार होना कई संदेहों को दे रहा जन्म

सरगुजा जैसे बड़े जिले में जो संभाग का मुख्यालय है वहां एक ही निरीक्षक के पास रक्षित निरीक्षक एवं बहुशाखा के साथ-साथ यातायात का प्रभार होना कई प्रश्नों को जन्म दे रहा है। यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या सरगुजा पुलिस के पास सिर्फ एक ही काबिल निरीक्षक है जो समस्त प्रभारों संभाल सकती है। यातायात प्रभारी द्वारा यातायात का प्रभार संभालने के बाद से शहर के सड़कों में लागातार जाम होना प्रारम्भ हो गया है।एक निरीक्षक के ऊपर इतनी मेहरबानी पर आला अधिकारियों का मौन आमजनों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है।लागातार यातायात व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।तमाम खामियों के बाद भी आला अधिकारियों द्वारा उक्त बहुशाखा प्रभारी के प्रभार में कमी नहीं की जा रही है।

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