राजनांदगांव : नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष शिव वर्मा ने निगम आयुक्त एवं महापौर पर सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि दुकान की नीलामी के बाद दुकानदार को बिना अनुबंध किया आधिपत्य देना कहीं ना कहीं किसी न किसी का इशारा होगा तभी तो बिना अनुबंध के सालों से दुकान चला रहे हैं तथा दुकानदार द्वारा किराए भी नहीं देना इतना बड़ा साहस बिना किसी सपोर्ट के कोई नहीं कर सकता है।
वहीं दूसरी तरफ निगम कर्मचारियों को पेमेंट नहीं दे पा रहे हैं। 3 महीने बीतने के बाद एक माह का वेतन दे पा रहे हैं। जबकि निगम प्रशासन की इच्छा शक्ति हो तो शहर में बने दुकान मकान व्यावसायिक परिसर अन्य सोर्सेस से भी थोड़े-थोड़ी राशि इकट्ठा कर कर्मचारी हित में जमा कर सकते हैं।
रेलवे स्टेशन रोड स्थित टांका घर के पास व्यावसायिक परिसर का निर्माण किया गया है। जहां अखबार में समाचार छपने के बाद निगम प्रशासन सक्रिय हुए ऐसे कई दुकान जिसकी राशि समय पर जमा नहीं हो पा रहे हैं अभी हाल ही में दिल्ली दरवाजा के पास बने दुकान को भी सील किया गया था दुकानदार के द्वारा 28 लाख जमा करने के बाद दुकानदार निगम की लापरवाही के कारण 20 दिन चाबी के लिए घूमते रहे। जिससे निगम की भी छवि खराब होता है। चाबी देने के लिए राशि की मांग करते रहे।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि निगम प्रशासन से अनुरोध किया है कि दोषी अधिकारी बाबू के खिलाफ या किसी के इशारे में जो कार्य किया गया है वह निगम हित में बिल्कुल नहीं है। तथा उन्होंने कहा कि नीलामी के बाद आबंटित तिथि से अनुबंध कराकर उसी डेट से किराए की राशि भी जमा कराए तथा जिस प्रकार नगर निगम से समाचार जारी हुआ कि निगम के 6 दुकान अनुबंध एवं किराए की राशि जमा नहीं होने के कारण सील किया गया है। इस प्रकार से अनुबंध एवं राशि जमा होने पर निगम द्वारा समाचार भी जारी करें जिससे निगम की छवि ठीक हो सके।