बेटी- बचाओ राष्ट्रीय साझा साहित्य संग्रह का भव्य विमोचन

Rajendra Sahu
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तिल्दा नेवरा : समीपस्थ ग्राम- तुलसी (तिल्दा नेवरा) के साहित्यकार अशोक धीवर “जलक्षत्री” के प्रधान संपादन में हरियाणा से प्रकाशित राष्ट्रीय साझा साहित्य संग्रह “बेटी – बचाओ” का विमोचन 12 मई 2024 को भव्य समारोह में कुर्मी छात्रावास- नेवरा में संपन्न हुआ। जिसके मुख्य अतिथि- कृष्ण मुरारी वर्मा, विशिष्ट अतिथि- कु.लक्ष्मी बंजारे जगन्नाथ सरकार , चोवाराम वर्मा तथा अध्यक्षता- चंद्रहास सेन (कोसरंगी) द्वारा किया गया। सहयोगी संपादक- जितेंद्र निर्मलकर “जितला” एवं सह संपादक- इंजी.सुरेश बंजारे है।

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       कार्यक्रम के संयुक्त संचालन भागवत चंद्राकर , मोहनलाल वर्मा , कैलाश शर्मा  एवं हरमन बघेल  द्वारा किया गया। अतिथियों के उद्बोधन उपरांत कवि सम्मेलन में रघुनाथ देशमुख  विष्णु कुर्रे,  ताहिर अली , सुखीराम साहू, हरेंद्र साहू , ईश्वर जोशी "जोशीला" , खेमचंद कुर्रे , टाप लाल वर्मा, यशवंत वर्मा,  सहित लगभग 50 कवियों द्वारा कविता पाठ किया गया।
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गौरतलब हो कि विमोचन पश्चात अतिथियों का मोमेंटो, गमछा और श्रीफल सहित प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में श्रोता के रूप में मेहत्तर धीवर, बृजलाल धीवर, पुनीत ध्रुव, परमानंद धीवर, शोभा यदु, संतराम यादव, सोनचंद धीवर, चंदूलाल वर्मा, निलेश धीवर, श्रीमती नंदनी धीवर, कु. टिकेश्वरी धीवर (तुलसी नेवरा), रिखीराम धीवर एवं ईश्वर प्रसाद धीवर, श्रीमती निर्मला बंजारे, सहित भारी संख्या में साहित्य प्रेमी श्रोता के रूप में कार्यक्रम समापन तक उपस्थित रहे। कि तिल्दा-नेवरा की साहित्यिक इतिहास में अविस्मरणीय संस्मरण बन गया। कार्यक्रम का संयोजक संकल्प साहित्य परिषद तिल्दा-नेवरा की ओर से सही सचिव मोहन वर्मा द्वारा आभार व्यक्त किया गया।

      उपस्थित लोगों द्वारा बहुत प्रशंसा की जा रही है। क्योंकि अशोक धीवर द्वारा लगातार 5 पुस्तकों का साझा संग्रहों का संपादन अपने आप में अद्वितीय है। आजकल साहित्यकार अपनी खुद की पुस्तक छपवाकर स्वप्रशंसा करते थकते नहीं है, वहीं श्री धीवर जी सबकी रचनाओं को अपनी पुस्तक में स्थान देकर सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं तथा अपने द्वारा किए गए कार्य का श्रेय अन्य लोगों को दे देते हैं। जो कि उनकी उदारता एवं भलमनसाहत है। 

साथ ही आगामी राष्ट्रीय साझा साहित्य संग्रह के लिए आज का विषम जल संकट पर “जल संरक्षण” विषय पर साहित्यकारों से रचनाएं आमंत्रित किए गए।

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