सुहेला : अनियंत्रित मानसून भीष्म गर्मी के कारण पर मंथन किए जाने पर जो तस्वीर ऊपर कर सामने आई है। वह पेड़ पौधे की कमी विकास की आंधी दौड़ने, हरे पेड़ों का कत्ल करके धरती को कोक ही गुजार दी है।
अत : धरती को हरा भरा बनाने के लिए हर आम मनुष्य को पौधारोपण करना होगा। उक्त बातें भटभेरा की है। बताया कि एक जमीन था। जब पेड़ पौधे से सारा जहां आम जन अच्छा था। पशु पक्षी के साथ आम आदमी खुशहाल था। समय पर गर्मी बरसात व ठंड होती थी। लेकिन जब से पेड़ काटने का सिलसिला शुरू हुआ। मानसून का मिजाज ही बदल गया। परिणाम स्वरुप इसकी इन बीच में गर्मी पड़ने लगी है। लोगों का जीना मुहाल हो गया। पर्यावरण संतुलन बनाने के लिए पौधा रोपण किसी महायज्ञ से काम नहीं है।
बता दे कि नरेंद्र कुमार साहू ने बताया कि पौधारोपण करना महान कार्य है। तभी बच सकते हैं जब हमारे द्वारा बोये गए पौधे का पुत्र व संरक्षण करने का संकल्प लेने अपने लिए ना सही आने वाले कल भविष्य के लिए पौधारोपण करना जरूरी हो गया है। वही बदलते हुए मौसम और माहौल को पौधारोपण करना किसी तीर्थ से काम नहीं है। हर व्यक्ति को अपने घर के आस-पास एक पौधारोपण करना चाहिए। पर्यावरण की कमी की वजह से तापमान बढ़ रहा है। और धरती तप रही है। लोग इस बीच में गर्मी से परेशान हो रहे हैं। और इसी परेशानी की वजह से हम खुद भी गर्मियों से परेशान हो रहे हैं। एवं आम आदमी परेशान हो रहे हैं। इसीलिए पौधारोपण करना आवश्यक है।