एयरलाइन्स को अब विदेशी यात्रियों की जानकारी भारतीय कस्टम विभाग को देना अनिवार्य

Rajendra Sahu
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दिल्ली : विदेश यात्रा का खर्च, यात्री ने किस मार्फ़त किया है अब सरकार तक पहुंचेगा उसका भी ब्यौरा। विदेशी यात्रियों की आवाजाही पर सख्ती और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय कस्टम विभाग ने नया नियम लागू करने की घोषणा की है. इस नियम के तहत, 1 अप्रैल, 2025 से सभी एयरलाइंस को अनिवार्य रूप से विदेशी यात्रियों की विस्तृत जानकारी भारतीय कस्टम विभाग के साथ साझा करनी होगी।

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क्या है नया नियम?

यह नियम भारतीय कस्टम विभाग के “एडवांस पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम” (APIS) के तहत लागू किया जाएगा. नए नियमों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय उड़ान प्रस्थान से 24 घंटे पहले मोबाइल नंबर और पैसे भुगतान के तरीकों की जानकारी सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों के साथ साझा करनी होगी। इसके अलावा यात्रा कार्यक्रम का विवरण भी देना होगा। इसका उद्देश्य विदेश से आने-जाने वाले यात्रियों की पहचान को पहले से सत्यापित करना और संभावित सुरक्षा खतरों को कम करना है. एयरलाइंस को प्रस्थान और आगमन से पहले यात्रियों का नाम, पासपोर्ट नंबर, यात्रा मार्ग, टिकट की जानकारी, और अन्य प्रासंगिक विवरण भारतीय कस्टम विभाग को भेजना होगा।

नियम का पालन न करने पर सजा

नए नियम का उल्लंघन करने वाली एयरलाइंस पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. कस्टम विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई एयरलाइन निर्धारित समयसीमा के भीतर जानकारी साझा करने में विफल रहती है, तो उसे भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है. जुर्माने की राशि का निर्धारण अभी प्रक्रिया में है, लेकिन यह लाखों रुपये तक हो सकती है।

जो जानकारी साझा करनी होगी उसमें यात्री का नाम, बिलिंग / भुगतान जानकारी (क्रेडिट कार्ड नंबर), टिकट जारी करने की तारीख, इच्छित यात्रा, पीएनआर में अन्य यात्रियों के नाम, पीएनआर के लिए यात्रा कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, ट्रैवल एजेंसी का विवरण मांगे जाने पर ये सूचनाएं भी देनी होंगी। बैगेज और कोड शेयर (जब एक एयरलाइन किसी अन्य एयर कैरियर की उड़ान पर सीटें बेचती है) जैसी जानकारी भी साझा करनी होगी।

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