रायपुर (मनोज शुक्ला) : राजधानी पुलिस बनी कबाड़ियों की हितैषी,थाना प्रभारी ने पत्रकारों से कहा सेटलमेंट करने की बात। उरला थाना प्रभारी fIR दर्ज नहीं करने को लेकर पत्रकारों को सेटलमेंट की बात कही। सूरजपुर की घटना के बाद राजधानी में कबाड़ियों के हौसले बुलंद हैं,पुलिस की मेहरबानियां इतनी की कबाड़ियों की तरफ से कर रहें हैं सेटलमेंट की बात।
रायपुर राजधानी में भी काबड़ियंके हौसले बुलंद हैं,पुलिस के संरक्षण में खुले आम राजधानी के कबाड़ी कर रहे हैं लोहे की कटिंग। मिली जानकारी के अनुसार टाटीबंध से बिलासपुर जाने वाले नए बने बायपास रोड पर एचपी पेट्रोल पंप के बगल में एक यार्ड में चोरी का लोहा बड़े पैमाने पर कबाड़ियों द्वारा लिया जाता है। जिसके कबरेज के लिए कई पत्रकार खबर बनाने यार्ड में पहुंचे वहां का नजारा देख कर दंग रह गए,यार्ड में ट्रेलर से लोहा उतारा जा रहा था वहीं यार्ड में बैठा एक व्यक्ति गैस कटर से सरियाओं को काट रहा था जिसका वीडियो पत्रकार द्वारा बाहर से गाड़ी के ऊपर चढ़कर बनाया गया वीडियो बनाते समय यार्ड के संचालक के कुछ आदमी बाहर खड़े थे, जिन्होंने पत्रकारों को वीडियो बनाते देख लिया। उनके साथ मारपीट करते हुए अंदर जानकारी दी अंदर के सभी व्यक्ति बाहर आ गए और सब ने मिलकर पत्रकारों की जम कर पिटाई हद्द तो तब हो गई महिला पत्रकार के साथ भी मारपीट की अभद्र भाषाओं में गाली गलौज महिला पत्रकार को देते हुए महिला पत्रकार की मोबाइल भी छीन लिया गया,यार्ड के संचालक द्वारा महिला पत्रकार सहित पत्रकारों को धमकाते हुए दोबारा आने पर जान से मार देने की बात कही गई,पत्रकारों के साथ मारपीट कर उनका मोबाइल छीन कर रख लिया गया पत्रकार राजधानी के उरला थाने पहुंचे थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज नहीं किया उल्टे पत्रकारों से सुलह करने की समझाइश देने लगे।
आप को बता दें राजधानी में सिर्फ एक कबाड़ी के यहां ऐसा नहीं है आप आराम से राजधानी में कई कबाड़ियों के यहां चोरी का लोहा खरीदा बेची करते देखा जा सकता है,वहीं जिसकी जिम्मेदारी है चोरी पकड़ने की वो कबाड़ियों की वकील बनी हुई है,पत्रकारों ने उरला थाना प्रभारी के इस रवैए से नाखुश होकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया है,साथ ही अपने साथ हुए घटना की जानकारी पीसीसी चीफ दीपक बैज सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री सत्य नारायण शर्मा को बताया कांग्रेस के नेताओं ने पुलिस के इस रवैए की घोर निंदा की है,अब देखने वाली बात ये होगी कि प्रशासन कबाड़ियों के ऊपर कार्यवाही करती है या सेटलमेंट कराती है।