शारदीय नवरात्री मे पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा जाने विधि व महुरत

Rajendra Sahu
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रायपुर : पुरे हिन्दू राष्ट्र मे सबसे बड़ा धर्म और अध्यात्म संस्कृति का पर्व शारदीय नवरात्र माना जाने लगा है। लोग अब सबसे बडे त्यौहार के रूप में मनाने लगे हैं। वही इसे सभी धर्मों के लोग भी बडी आस्था व विश्वास के साथ मनाने लगे हैं। आज से शारदीय नवरात्रि से शुरू हो चुके हैं। अब से पूरे दिनों तक मां भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा जाएगी।

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बता दे कि नवरात्रि के पहले दिन भक्तगण कलश या घटस्थापना करते है। आज नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री की उपासना की जाएगी। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण उन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। मां शैलपुत्री की उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। तो आइए जानते हैं कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को क्या भोग अर्पित करें और पूजा के समय किन मंत्रों का जप करें।वही सुबह शाम सेवा भी किया जाता है।

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जाने क्या है मां शैलपुत्री का स्वरूप

पंडीतो के अनुसार माता शैलपुत्री की मनमोहक रूप की बात करें। तो देवी मां ने सफेद रंग के वस्त्र धारण किए हुए हैं। मां शैलपुत्री की सवारी वृषभ यानी बैल पर हैं। मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल है, जबकि मां के बाएं हाथ में कमल का फूल है। वहीं मां शैलपुत्री की सवारी बैल है। मां शैलपुत्री का यह रूप अत्यंत ही दिव्य है। मान्यताओं के अनुसार, माता शैलपुत्री की पूजा करने से चंद्रमा के बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं। इस प्रकार से बडा महत्व है।

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जाने नवरात्रि के पहले दिन माता रानी को क्या भोग लगाएं

जानकारों के अनुसार शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को दूध और चावल से बनी खीर का भोग भी जरूर लगाएं। इसके अलावा देवी मां को दूध से बनी सफेद मिठाइयां भी अर्पित कर सकते हैं। माता के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री को सफेद रंग के फूल अर्पित करें। इस प्रकार से उनका आज का विशेष भोग लगाया जा सकता है।

ये जाम करे मां शैलपुत्री की पूजा मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

ये है घटस्थापना करने का सही मुहूर्त

पंडितों के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 3 अक्टूबर को रात 12 बजकर 18 मिनट पर
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त – 4 अक्टूबर को रात 2 बजकर 58 मिनट पर
घटस्थापना मुहूर्त- 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 15 मिनट से सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 46 मिनटसे दोपहर 12 मिनट 33 तक रहेगा।इस प्रकार आज से मां शैलपुत्री की पूजा पहले की जायेगी।

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