मुंगेली सरगांव के कुसुम प्लांट में चिमनी गिरने से कई लोगो की मौत बचाव जारी

Rajendra Sahu
6 Min Read

मुंगेली : छत्तीसगढ़ के जिले मुंगेली के सरगांव इलाके में नये व निर्माणाधीन कुसुम प्लांट में चिमनी गिरने से बड़ा हादसा होने की बडी खबर मीली है। जिसमें 25 से अधिक लोग मलबे में दब गए हैं। 4-5 लोगों की मौत की आशंका बताई गई है। वही प्रशासन व स्थानीय लोगों के द्वारा बचाव कार्य जारी है ।

IMG 20250110 WA0011 1

जानें घटना के बारे में पूरी जानकारी

बता दे कि जिले के सरगांव थाना क्षेत्र के रामबोड़ इलाके में स्थित निर्माणाधीन कुसुम प्लांट में एक भीषण हादसा हुआ है। इस हादसे में निर्माणाधीन प्लांट की चिमनी गिरने से करीब 25 से अधिक मजदूरों के मलबे में दबने की आशंका है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दुर्घटना में 4 से 5 लोगों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। हादसे के बाद से बचाव कार्य जोरों पर है और प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है।

गौरतलब हो कि जानकारी के मुताबिक, कुसुम प्लांट में लोहे की पाइप बनाने का निर्माण कार्य चल रहा था। हादसा उस समय हुआ, जब प्लांट के भीतर एक चिमनी का निर्माण कार्य चल रहा था। अचानक निर्माणाधीन चिमनी गिरने से आसपास के क्षेत्र में भारी मलबा फैल गया, जिसमें कई मजदूर दब गए। घटनास्थल पर घबराए हुए मजदूरों और कर्मचारियों ने बचाव कार्य की शुरुआत की, लेकिन जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि बड़े पैमाने पर मलबा दबने के कारण स्थिति गंभीर हो सकती है।

IMG 20250110 WA0010

अवगत हो की स्थानीय लोगों के मुताबिक, हादसे के समय प्लांट में कई मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें कुछ मजदूर मलबे में दब गए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इन मजदूरों की सुरक्षित निकासी के लिए बचाव कार्य शुरू किया गया है। घटना के बारे में जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य की शुरुआत की। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज कर दिया है और कई मशीनों की मदद से मलबे को हटाने का काम चल रहा है। इस दौरान, स्थानीय नागरिक भी प्रशासन की मदद कर रहे हैं और मलबे में दबे मजदूरों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल के पास के इलाकों को खाली कर दिया है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। चूंकि दुर्घटना का पैमाना बड़ा था, ऐसे में बचाव कार्य में अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है, ताकि किसी और की जान को खतरा न हो। कुसुम प्लांट चिमनी गिरने से हादसा, सुरक्षा मानकों की जांच की जाएगी?
यह हादसा निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा के कड़े मानकों का पालन न करने के कारण हुआ था या फिर कोई तकनीकी खामी इसके पीछे मुख्य कारण थी, इसकी जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और विशेषज्ञों की एक टीम भी घटना स्थल पर भेजी गई है। इसके अलावा, प्लांट में सुरक्षा संबंधी सभी व्यवस्थाओं की भी जांच की जाएगी।

कुसुम प्लांट के बारे में बताया जा रहा है कि यह एक नई फैक्ट्री थी, जो लोहे की पाइप बनाने के लिए स्थापित की जा रही थी। हालांकि, प्लांट का उद्घाटन नहीं हुआ था, और यह हादसा निर्माण के दौरान ही हुआ। कुसुम प्लांट चिमनी गिरने से हादसा: औद्योगिक सुरक्षा के मानकों पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा के मानकों को लेकर गंभीर सवाल उठाता है, खासकर निर्माणाधीन परियोजनाओं में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा पर। ऐसे निर्माण कार्यों में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं, यह जांच का विषय होगा। छत्तीसगढ़ में इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित उपायों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। कुसुम प्लांट चिमनी गिरने से हादसा: स्थानीय लोगों का सहयोग और राहत कार्य जारी। स्थानीय लोग भी हादसे के बाद प्रशासन की मदद कर रहे हैं। क्षेत्र के आसपास के लोग मलबे में दबे मजदूरों को निकालने के प्रयास में जुटे हुए हैं। स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने भी हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन से राहत कार्य को और तेज करने का आग्रह किया है।

इस हादसे ने इस क्षेत्र में निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फिर से चिंता पैदा कर दी है। स्थानीय प्रशासन और सरकार के लिए यह एक बड़ा चुनौती बन गया है कि वे श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाते हैं। कुसुम प्लांट में हुआ यह हादसा न केवल एक बड़ी औद्योगिक दुर्घटना है, बल्कि यह निर्माण क्षेत्र में सुरक्षा मानकों के पालन की ओर भी एक गंभीर सवाल उठाता है। प्रशासन ने स्थिति पर काबू पा लिया है, लेकिन जब तक मलबे में दबे मजदूरों की सुरक्षित निकासी नहीं हो जाती, तब तक इस हादसे की भयावहता का सही मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है। यह घटना इस क्षेत्र में औद्योगिक सुरक्षा को लेकर बड़े बदलावों की आवश्यकता को भी उजागर करती है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *