दिल्ली : पिछले दिनों भारती राष्ट्रीय इंटक की वार्षिक बैठक दिल्ली आहुत किया गया। जिसमे विशेषज्ञ रूप से उपस्थित संगठन सचिव संजय कुमार साहू के आगवानी मे राष्ट्रीय इंटक के अध्यक्ष डां जी संजीव रेड्डी एवं महासचिव संजय कुमार सिंह रहे मौजूद।
ज्ञात हो कि उद्योगों के उत्पादन और लाभार्जन में ठेका श्रमिकों के योगदान को देखते हुए नियमित कर्मचारियों की तरह मंथली इंसेंटिव एवं बोनस दिया जाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। राष्ट्रीय इंटक के कार्यकारिणी की बैठक नई दिल्ली में हुई। देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र में नियमित कर्मचारियों की भर्ती करने और लगातार हो रहे ठेका कारण में कार्य करने वाले श्रमिकों के वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा पर चर्चा की गई।
राष्ट्रीय इंटक के संगठन सचिव संजय कुमार साहू ने राष्ट्रीय इंटक के अध्यक्ष डां जी संजीव रेड्डी एवं महासचिव संजय कुमार सिंह से मिलकर सेल के कर्मचारियों का अधूरा वेतन समझौता एवं 39 महीने का एरियर एवं सेल में स्थाई प्रकृति के 70% से अधिक कार्य ठेका श्रमिकों से कराए जाने के उपरांत उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधा नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर की।
इसके अलावा सेल के ठेका श्रमिकों को 26000 रुपए न्यूनतम वेतन एवं ए डब्ल्यू ए को न्यूनतम वेतन में समाहित कर बेसिक का निर्धारण करने एवं सालाना इंक्रीमेंट दिलाने जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
ठेका श्रमिकों की ठेका अवधि 5 साल से कम होने के कारण उन्हें ग्रेच्युटी की सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है। इसलिए ठेका उपरांत उन्हें ग्रेच्युटी की जगह अंतिम भुगतान दिया जाए और जहां पर ठेका श्रमिक लगातार 5 साल से ऊपर कार्य कर रहे हैं, वहां पर ग्रेच्युटी की सुविधा प्रदान की जाए।
गौरतलब हो कि ठेका श्रमिकों को नियमित कर्मचारियों के अनुसार आवास ,शिक्षा ,स्वास्थ्य एवं रात्रि भत्ता एवं 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति होने पर जीवन यापन के लिए सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन दिलाने जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
उद्योगों के उत्पादन और लाभार्जन में ठेका श्रमिकों के योगदान को देखते हुए नियमित कर्मचारियों की तरह मंथली इंसेंटिव एवं बोनस दिया जाए।बैठक में राष्ट्रीय इंटक के अध्यक्ष डॉक्टर जी संजीव रेड्डी ने कहा देश में कार्य कर रहे श्रमिकों के कल्याण एवं सामाजिक सुरक्षा एवं उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए अधिक से अधिक कार्य करने की जरूरत है। सामाजिक सुरक्षा और कार्य की गारंटी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।