खरोरा -समीपस्थ ग्राम मुड़पार(खरोरा) के पावन धरा मे मालीक राम यादव व सती यादव जी के द्वारा श्रीमद्भागवत महापुराण अमृत ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है । जिसमे भागवताचार्य पंडित श्री रूपेश महाराज जी (श्री धाम माना ) वाले कथा वाचक के रूप में व्यास पीठ पर आसीन है । वेदि पूजन और पारायण पंकज /विजय महाराज जी द्वारा किया जा रहा है।
बता दें कि पंडित रुपेश महाराज जी ने बीते कल के कथा में राम अवतार और कृष्ण अवतार की कथा का वर्णन करते हुए। कहा कि राम से बड़ा राम का नाम है।
पं. जी ने राम शब्द की महिमा का वर्णन करते हुए। कहा बात उस समय की है। जब माता सीता को वनवास हुआ था। एक बार प्रभु श्री राम अकेले तालाब के किनारे बैठे हुए। तालाब में पत्थर फेंक रहा था। पत्थर तालाब में डूबता जा रहा था।श्री हनुमान जी उसको छुप के देख रहा था। कि प्रभु कर क्या रहा है। तब हनुमान जी जाकर प्रभु से पूछे कि प्रभु आप कर क्या रहे हैं। तब प्रभु बोले हनुमान जी, जो मैं पत्थर फेंक रहा हूं। वह तालाब में डूब जा रहा था । जब सेतु के निर्माण के समय बड़ा-बड़ा पत्थर उठाकर फेंक रहे थे। तो वह तैर रहा था। तब हनुमान जी ने बड़ा सुंदर ही सुंदर जवाब दिए। प्रभु आप जो पत्थर फेंक रहे हैं। उसमें आपका नाम नहीं है। प्रभु आप तो उस पत्थर को अपना नही रहे हो। उसे अपने से अलग कर रहे तो बताओ प्रभु पत्थर डूबेगा। कैसे नही तो प्रभु आपसे बाडा आपका नाम है। आपका नाम मात्र ले लेने से ही बड़े-बड़े सब बिगड़े काम बन जाता है। कथा वाचक प रूपेश महराज जी राम नाम की महिमा का बड़ा सुंदर वर्णन किया ।