रायपुर (जयराम धीवर की रिपोर्ट) 07 जूलाई : भाजपा सरकार पूरे समय बिजली नही दे पा रही है ऊपर से सरकार ने बिजली के दामों में 8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किया है। यह जनता पर अत्याचार है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बिजली दर में 8 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी को राज्य सरकार को वापस लेना चाहिए। प्रदेश की जनता महंगाई से पीड़ित है इस दशा में बिजली के दर में बढ़ोतरी करना महंगाई से जख्मी जनता के जख्मों पर नमक छिड़कना है।
सरकार ने भले ही कहती है कि बिजली के दाम में 8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, हकीकत में पिछले दो माह से बिजली के बिल दुगुने आ रहे है। आम आदमी बिजली के दाम बढ़ने से परेशान है।
स्मार्ट मीटर लगा कर उपभोक्ता को लूटने कि तैयारी भाजपा सरकार कर रही है कांग्रेस इसका विरोध करती है।
कांग्रेस की सरकार ने 5 वर्षो तक विपरीत परिस्थितियों में भी बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल हाफ योजना शुरू किया था जिसका लाभ प्रदेश के 44 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिलता था जिसे 5 साल में प्रत्येक उपभोक्ता का 40 से 50 हजार रु. तक की बचत हुई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछले 6 माह में विद्युत सरप्लस वाला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कटौती का केंद्र बन गया है। कोई ऐसा दिन नहीं होता जब बिजली दो-चार घंटे के लिये बंद न हो, रात में तो बिजली की स्थिति तो और भयावह हो जाती है, घंटो बिजली गोल हो जाती है।
भाजपा से न सरकार संभल पा रहा और न ही व्यवस्थायें। सरकार एक तो पूरे समय बिजली नहीं दे पा रही, ऊपर से उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ डाल रही है। प्रदेश के अनेक जिलों में तो पूरी रात बिजली कटौती हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार में आम जनता को मांग के अनुसार बिजली नहीं मिल रहा है। बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से शहर और गांव की जनता जूझ रहे हैं। कांग्रेस की सरकार के दौरान 24 घंटा बिजली की आपूर्ति होती थी। गर्मी के दिनों में मांग बढ़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली की खरीदी किया जाता था और आम जनता को 24 घंटा बिजली की आपूर्ति की जाती थी। रवि फसल लगाने वाले किसानों को भी बोरवेल चलाने के लिए बिजली निःशुल्क मिलता था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान बिजली आपूर्ति निर्बाध गति से चले इसके लिए ट्रांसफार्मर के पावर बढ़ाए गए थे। नए ट्रांसफार्मर लगाए गए थे। ट्रांसमिशनों को अपग्रेड किया गया। भाजपा की सरकार में 6 माह में ही बिजली की व्यवस्था चरमरा गई है, आम जनता सड़कों पर उतरकर बिजली की समस्या को लेकर आंदोलन कर रही हैं।