हथबंद : समीपस्थ क्षेत्र के ग्राम उड़ेला मे एक अयसी बात सामने आई है। जिसमे जिसे आवास की जरूरत है। उसे ही नही मील रहा है। केंद्र सरकार ने आवास + नाम से एप लाॅन्च किया है। जिसमें ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक या सचिव गांव में ही पात्रता होने पर हितग्राहियों के नाम जोड़ सकेंगे। इससे अब छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को भी अपने सपनों का घर मिल सकेगा। परंतु ग्राम हतबंध के जिम्मेदार लोग नियम विपरीत कार्य कर रहे है । पंचायत के पंच लोगो को वार्ड के गरीब बेघर की जानकारी मांगकर पलड़ा झाड़ लिए है।
जिसमे पंच सिर्फ अपने घर परिवार का नाम ही दे रहे। जो अनुचित है। पदाधिकारी जिनको सर्वे करने के लिए निर्देशित किया गया है। वे ग्राम में सर्वे न कर सरकार की महती योजना पीएम आवास में अनिमीयता कर रहे है। जबकि सरकार देश के गरीब परिवार को पक्का मकान बनाकर देने के उद्देश्य से शुरू किया था। ताकि आर्थिक स्थिति को सुधार हो सके। मगर बहुत से लोग इस योजना के पात्र नहीं है। फिर भी आवेदन देते है। और जिनका पहले से पक्का मकान है। उन्हे लाभ मिल जाता है।
सरकार भले ही गांव के विकास के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही हो। लेकिन कहीं न कहीं अधिकारी और कर्मचारी एवं अन्य जिम्मेदार लोगों की मनमानी के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं मिल पा रहा है। जिसकी शिकायत पूर्व में कलेक्टर जनदर्शन में किया गया था। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) 2024 शुरू की है। यह पहल मुख्य रूप से उन लोगों को लक्षित करती है। जिनके पास स्थायी घर नहीं है या वे खराब परिस्थितियों में रहते हैं। स्थिर आवास प्रदान करके, इस योजना का उद्देश्य देश भर में आर्थिक रूप से संघर्षरत ग्रामीण निवासियों के जीवन को बेहतर बनाना है।
परंतु ग्राम हथबंध में पात्र अपात्र की कोई सर्वे नही किया जाता। जिसके कारण जरूरतमंद व बेघर लोग वंचित हो जाते है। और जो संपन्न है उन्हे लाभ मिल जाता है। जिला ब्लाक के अधिकारियों को चाहिए कि जो शासन का नियम है। उसी के तहत ग्राम पंचायतों को निर्देशित कर फार्म भराकर बेघर जरूरत मंद लोगो को योजना का लाभ दिलाना चाहिए। जिससे सरकार के महती योजना का लाभ मिल सके।
उक्त संबंध में सिमगा ब्लाक समन्वयक युगल वर्मा ने कहा उच्चाधिकारियों को जानकारी दी जाएगी जिनके मार्ग दर्शन में कार्य किया जाएगा।