रायपुर : राष्ट्रीय बसल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान शंकर नगर रायपुर में प्राचार्यों की एक दिवसीय कार्यशाला बुलिंग एवं साइबर बुलिंग विषय पर आयोजित हुई, जिसमे प्रमुख वक्ता के रुप में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पीठासीन सदस्य श्री सोनल गुप्ता थे। अन्य वक्ताओं में प्रमुख रूप से श्री आयुष गुहे पीठासीन सदस्य (साइबर बुलिंग) बाल संरक्षण आयोग बाल संरक्षण अधिकारी श्री गजानंद साहू, डी.एस. पी. कार्यालय के साइबर क्राइम सेल प्रभारी श्री चिंतामणी साहू एवं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में साइबर क्राइम एक्सपर्ट एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अभय तिवारी थे। प्रमुख वक्ता सोनल गुप्ता ने अपने उद्बोधन में बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा किये गये एवं किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बुलिंग क्या है , बुलिंग से संबंधित अपराध के लिए आरोपित की जाने वाली धाराओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बुलिंग घर, बाहर, विद्यालय, समाज सब जगह होता है। उसे समझने और जानने की आवश्यकता है। उन्होंने विभिन्न घटनाओं का जिक्र कर स्पष्ट किया। डॉ. अभय तिवारी ने अपने उद्बोधन में साइबर बुलिंग पर प्रकाश डाला। साइबर बुलिंग कहाँ-कहाँ, कैसे-कैसे होता है विस्तार से जानकारी देते हुए इससे बचने के त्रिकोंबपर चर्चा किये। श्री आयुष गुहे ने भी साइबर बुलिंग से संबंधित अपराधों का जिक्र करते हुए उससे कैसे बचा जा सकता है इस पर चर्चा किये। श्री गजानंद साहू ने बसल अधिकार संरक्षण के लिए जिलों में गठित बसल कल्याण समिति, उसके गठन, कार्य, अधिकार, किशोर न्याय अधिनियम पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। श्री चिंतामणी साहू ने अपने उद्बोधन में साइबर क्राइम की जिले में स्थिति उसमें बच्चों की संलिप्तता एवं उस पर किये गये कार्यवाही पर विस्तार से चर्चा करते हुए बचाव के उपाय सुझाये।
इस अवसर पर प्राचार्य श्री राकेश गुप्ता, सहायक प्राध्यापक श्रीमती रीता चौबे ने भी इस विषय पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर डॉ विजय खंडेलवाल, डाइट के प्राचार्य एवं फेकल्टी सदस्य, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी एवं जिले के प्राचार्यगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन डाइट फेकल्टी श्रीमती चौधरी एवं आभार प्रदर्शन तिल्दा विकासखण्ड के स्रोत समन्वयक श्री एस. के. शर्मा ने किया। यह जानकारी श्री एस. के. शर्मा द्वारा प्रदान की गई।