मुंबई में अखिल भारतीय सीमेंट वर्क्स फेडरेशन इंटक का बैठक संपन्न :छ ग के लोग भी हुये शामिल

Rajendra Sahu
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रायपुर : बीते 6 फरवरी, दिन मंगलवार को मुम्बई के वी पी रोड के मजदूर कल्याण कांग्रेस हाऊस मे अखिल भारतीय सीमेंट वर्क्स फेडरेशन इंटक यूनियन का 221 वी वर्कीग कमेटी की बैठक आहुत किया गया। फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव देवराज सिह मुंबई के नेतृत्व में व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एम तुलसी दासन के अध्यक्षता में आयोजित किया गया। बैठक की शुरूआत उपाध्यक्ष व महासचिव का पुष्पहार से स्वागत व सम्मान कर किया गया। बैठक में पुरे भारत के सीमेंट उद्योगों के इंटक यूनियन के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय सीमेंट वर्क्स फेडरेशन इंटक यूनियन के इस 221 वी वर्कीग कमेटी के मुम्बई बैठक में राष्ट्रीय महासचिव देवराज सिह ने फेडरेशन की गतिविधियों के बारें में अवगत कराया। फेडरेशन को चलाना मुश्किल हो रहा है। अधिकतर संयंत्रों व यूनियनों के द्वारा एफिलेशन फिस व डोनेशन नही दिया जा रहा है। जबकि फेडरेशन के द्वारा जीतने भी एफिलिएटिड यूनियन व वेजबोर्ड कर्मचारी हैं। उनके वेतन भत्ता मे बढोत्तरी हो रहा है। सबके हर समस्या को सुना समझा जाता है। जीस पर विचारकर आवश्यक समाधान व सुझाव दिया जा रहा है। आगे कहां कि सभी उद्योगों मे कंट्रेक्ट वर्कर की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। कही भी परमानेंट नही किया जा रहा है। जिसके लिए हमारा फेडरेशन हमेशा अच्छे के लिए प्रयासरत रहा है। जिसमे समान काम समान वेतन पर हम हमेशा उद्योगपतियों के साथ गंभीर चर्चा किया जाता रहा है। इसी के चलते इस बार की बेजरिविजन केवल ठेका कर्मचारियों को भी फायदा दिलाने के नाम से ही दो साल विलंब हुआ था। जिस पर सभी के सहमति के बाद मामले को कोर्ट में पेश करने की सहमति बनने पर ही। वेजरिविजन पर समझौता किया गया था। पर अब भी कांट्रेक्ट वर्कर को लेकर इंटक यूनियन फेडरेशन के द्वारा काम जारी है। वही कुछ संयंत्रों के बारे में किये गये कार्यों के बारे में भी बताया।

गौरतलब हो कि इस बैठक में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मेघालय, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, तमिलनाडु के इंटक यूनिट के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। जिनके द्वारा क्रमशः अपने संयंत्रों में यूनियन के द्वारा किये गये कार्यों, उपलब्धियो व समस्याओं के बारे मंच के माध्यम से अवगत कराया। जिसमे मध्या प्रदेश सतना के यूनियन के अध्यक्ष के ने बात रखी। वही अल्ट्राटेक बैकुंठ सीमेंट से महासचिव रमेश तिवारी ने ठेकाश्रमिको के समस्याओं के बारे में ध्यान देने की बात कही। वही बैकुंठ सीमेंट के बारे में कहां की यहां भले ही तीन अलग अलग झंडा (यूनियन) भले ही संचालित है। पर समस्याओं को लेकर एक हो कर खडा होते है। तीसरे वक्तव्य में मांढर सीमेंट से लखन लाल बघेल ने अपने पैकिंग प्लांट में कार्यरत होते हुए। वी आर एस बीना किसी मुवा व फायदा के जबरन दे दिया गया। जिस पर लंबे समय से कोर्ट मे मामला चलते हुए। भी कोई हल नहीं निकल पाया है। उसके लिए आगे भी प्रयास जारी हैं। जिस पर फेडरेशन से सहयोग की अपील कीया।अल्ट्राटेक बैकुंठ से ठेकाश्रमिक यूनियन के अध्यक्ष नरेन्द्र यादव ने फेडरेशन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए। कहा कि हमे फेडरेशन से जुड़ने पर अब तक कोई भी फायदा नहीं मीला।

अगले वक्ता के रूप में अल्ट्राटेक डाला सीमेंट वर्क्स सोनभद्र के अध्यक्ष उत्तम मिश्रा ने अपनी दुख व्यक्त करते हुए। कहा कि हमारे यहां तो हम परमानेंट वेज बोर्ड कर्मचारियों के दायरे में आते है। पर हमे वो पेमेंट सुविधा प्रदान नही किया जाता है। इसके जानकारी बहुत पहले से फेडरेशन के बीच रखते हुए आरहे है। पर कोई लाभ नहीं हुआ। हम अपने दम पर मैनेजमेंट पर दबाव बनाये हुए हैं। जिसको लेकर हम मामले को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है।

अगले महत्वपूर्ण वक्तव्य में अल्ट्राटेक बैकुंठ सीमेंट वर्क्स के इंटक यूनियन के उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार साहू के द्वारा मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए। कहा कि वर्तमान समय में श्रमिक यूनियन संगठन निरंतर कमजोर होते जारहा है। संगठन बनाना मतलब अयसा है जैसे पत्थर मे फुल खिलाना। कोई भी संगठन मे मजबूती तभी आता है। जब विचारों मे पारदर्शिता हो, ईमानदारी हो, जनहितैषी हो, सबको महत्व देते हुए। सहयोग के साथ काम करे। वही संगठन में मजबूती तभी आती है। जब आर्थिक सहयोग हो। जो हम कर्मचारियों से यूनियन व फेडरेशन के नाम से सहयोग लेते है। उसका सही सही उपयोग हो। फेडरेशन के नाम से यदि सहयोग लिया जाता है। तो उसे अनिवार्य रूप से जमा किया जाये। अगली बात राजेन्द्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार के द्वारा 2019 मे छत्तीसगढ़ राज्य के राजपत्र मे घोषणा की थी। कि छत्तीसगढ़ के सभी औद्योगिक कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति 58 साल को बढा कर 60, करते हुए। 2 वर्ष बढा दिया गया है। जिसका अनुपालन सभी छोटे बडे उद्योग कर रहे हैं। पर एक अल्ट्राटेक ग्रुप ही इसको लागू नही कर रहा है। जिसके लिए यहां के यूनियन के द्वारा कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। पर अभी तक कुछ नहीं हो पाई रहा है। इस पर फेडरेशन को विशेष ध्यान दिलाते हुए। इस पर अल्ट्राटेक ग्रुप के साथ अनिवार्यता के साथ बात कर पालन करवाने का पहल करे।

इस बैठक में छत्तीसगढ़ से अल्ट्राटेक बैकुंठ सीमेंट इंटक यूनियन से उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार साहू, महासचिव रमेश तिवारी,कोषाध्यक्ष ओनकार शर्मा, उपाध्यक्ष शेख शमसुद्दीन, सचिव सूरज पात्रो, सहसचिव सतीश वर्मा, वही ठेकाश्रमिक यूनियन से अध्यक्ष नरेंद्र यादव, उपाध्यक्ष रोमदास बर्मन, गंगाराम बंजारे, सत्येंद्र सोनी, वही मांढर सीमेंट से लखन लाल बघेल, साथी , उ पी डाला सीमेंट सोनभद्र से इंटक अध्यक्ष उत्तम मिश्रा, मध्यप्रदेश सतना सीमेंट से बिमलेश सिह साथी, मानीकगढ सीमेंट, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु, बहुत से यूनियन के पदाधिकारियों की उपस्थिति व सहयोग रही।मुम्बई में भारतीय राष्ट्रीय सीमेंट वर्क्स फेडरेशन इंटक का बैठक संपन्न : छग के लोग भी रहे शामिल रायपुर : बीते 6 फरवरी, दिन मंगलवार को मुम्बई के वी पी रोड के मजदूर कल्याण कांग्रेस हाऊस मे अखिल भारतीय सीमेंट वर्क्स फेडरेशन इंटक यूनियन का 221 वी वर्कीग कमेटी की बैठक आहुत किया गया। फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव देवराज सिह मुंबई के नेतृत्व में व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एम तुलसी दासन के अध्यक्षता में आयोजित किया गया। बैठक की शुरूआत उपाध्यक्ष व महासचिव का पुष्पहार से स्वागत व सम्मान कर किया गया। बैठक में पुरे भारत के सीमेंट उद्योगों के इंटक यूनियन के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय सीमेंट वर्क्स फेडरेशन इंटक यूनियन के इस 221 वी वर्कीग कमेटी के मुम्बई बैठक में राष्ट्रीय महासचिव देवराज सिह ने फेडरेशन की गतिविधियों के बारें में अवगत कराया। फेडरेशन को चलाना मुश्किल हो रहा है। अधिकतर संयंत्रों व यूनियनों के द्वारा एफिलेशन फिस व डोनेशन नही दिया जा रहा है। जबकि फेडरेशन के द्वारा जीतने भी एफिलिएटिड यूनियन व वेजबोर्ड कर्मचारी हैं। उनके वेतन भत्ता मे बढोत्तरी हो रहा है। सबके हर समस्या को सुना समझा जाता है। जीस पर विचारकर आवश्यक समाधान व सुझाव दिया जा रहा है। आगे कहां कि सभी उद्योगों मे कंट्रेक्ट वर्कर की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। कही भी परमानेंट नही किया जा रहा है। जिसके लिए हमारा फेडरेशन हमेशा अच्छे के लिए प्रयासरत रहा है। जिसमे समान काम समान वेतन पर हम हमेशा उद्योगपतियों के साथ गंभीर चर्चा किया जाता रहा है। इसी के चलते इस बार की बेजरिविजन केवल ठेका कर्मचारियों को भी फायदा दिलाने के नाम से ही दो साल विलंब हुआ था। जिस पर सभी के सहमति के बाद मामले को कोर्ट में पेश करने की सहमति बनने पर ही। वेजरिविजन पर समझौता किया गया था। पर अब भी कांट्रेक्ट वर्कर को लेकर इंटक यूनियन फेडरेशन के द्वारा काम जारी है। वही कुछ संयंत्रों के बारे में किये गये कार्यों के बारे में भी बताया। गौरतलब हो कि इस बैठक में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मेघालय, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, तमिलनाडु के इंटक यूनिट के पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। जिनके द्वारा क्रमशः अपने संयंत्रों में यूनियन के द्वारा किये गये कार्यों, उपलब्धियो व समस्याओं के बारे मंच के माध्यम से अवगत कराया। जिसमे मध्या प्रदेश सतना के यूनियन के अध्यक्ष के ने बात रखी। वही अल्ट्राटेक बैकुंठ सीमेंट से महासचिव रमेश तिवारी ने ठेकाश्रमिको के समस्याओं के बारे में ध्यान देने की बात कही। वही बैकुंठ सीमेंट के बारे में कहां की यहां भले ही तीन अलग अलग झंडा (यूनियन) भले ही संचालित है। पर समस्याओं को लेकर एक हो कर खडा होते है। तीसरे वक्तव्य में मांढर सीमेंट से लखन लाल बघेल ने अपने पैकिंग प्लांट में कार्यरत होते हुए। वी आर एस बीना किसी मुवा व फायदा के जबरन दे दिया गया। जिस पर लंबे समय से कोर्ट मे मामला चलते हुए। भी कोई हल नहीं निकल पाया है। उसके लिए आगे भी प्रयास जारी हैं। जिस पर फेडरेशन से सहयोग की अपील कीया।अल्ट्राटेक बैकुंठ से ठेकाश्रमिक यूनियन के अध्यक्ष नरेन्द्र यादव ने फेडरेशन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए। कहा कि हमे फेडरेशन से जुड़ने पर अब तक कोई भी फायदा नहीं मीला। अगले वक्ता के रूप में अल्ट्राटेक डाला सीमेंट वर्क्स सोनभद्र के अध्यक्ष उत्तम मिश्रा ने अपनी दुख व्यक्त करते हुए। कहा कि हमारे यहां तो हम परमानेंट वेज बोर्ड कर्मचारियों के दायरे में आते है। पर हमे वो पेमेंट सुविधा प्रदान नही किया जाता है। इसके जानकारी बहुत पहले से फेडरेशन के बीच रखते हुए आरहे है। पर कोई लाभ नहीं हुआ। हम अपने दम पर मैनेजमेंट पर दबाव बनाये हुए हैं। जिसको लेकर हम मामले को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है। अगले महत्वपूर्ण वक्तव्य में अल्ट्राटेक बैकुंठ सीमेंट वर्क्स के इंटक यूनियन के उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार साहू के द्वारा मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए। कहा कि वर्तमान समय में श्रमिक यूनियन संगठन निरंतर कमजोर होते जारहा है। संगठन बनाना मतलब अयसा है जैसे पत्थर मे फुल खिलाना। कोई भी संगठन मे मजबूती तभी आता है। जब विचारों मे पारदर्शिता हो, ईमानदारी हो, जनहितैषी हो, सबको महत्व देते हुए। सहयोग के साथ काम करे। वही संगठन में मजबूती तभी आती है। जब आर्थिक सहयोग हो। जो हम कर्मचारियों से यूनियन व फेडरेशन के नाम से सहयोग लेते है। उसका सही सही उपयोग हो। फेडरेशन के नाम से यदि सहयोग लिया जाता है। तो उसे अनिवार्य रूप से जमा किया जाये। अगली बात राजेन्द्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार के द्वारा 2019 मे छत्तीसगढ़ राज्य के राजपत्र मे घोषणा की थी। कि छत्तीसगढ़ के सभी औद्योगिक कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति 58 साल को बढा कर 60, करते हुए। 2 वर्ष बढा दिया गया है। जिसका अनुपालन सभी छोटे बडे उद्योग कर रहे हैं। पर एक अल्ट्राटेक ग्रुप ही इसको लागू नही कर रहा है। जिसके लिए यहां के यूनियन के द्वारा कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। पर अभी तक कुछ नहीं हो पाई रहा है। इस पर फेडरेशन को विशेष ध्यान दिलाते हुए। इस पर अल्ट्राटेक ग्रुप के साथ अनिवार्यता के साथ बात कर पालन करवाने का पहल करे। इस बैठक में छत्तीसगढ़ से अल्ट्राटेक बैकुंठ सीमेंट इंटक यूनियन से उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार साहू, महासचिव रमेश तिवारी,कोषाध्यक्ष ओनकार शर्मा, उपाध्यक्ष शेख शमसुद्दीन, सचिव सूरज पात्रो, सहसचिव सतीश वर्मा, वही ठेकाश्रमिक यूनियन से अध्यक्ष नरेंद्र यादव, उपाध्यक्ष रोमदास बर्मन, गंगाराम बंजारे, सत्येंद्र सोनी, वही मांढर सीमेंट से लखन लाल बघेल, साथी , उ पी डाला सीमेंट सोनभद्र से इंटक अध्यक्ष उत्तम मिश्रा, मध्यप्रदेश सतना सीमेंट से बिमलेश सिह साथी, मानीकगढ सीमेंट, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु, बहुत से यूनियन के पदाधिकारियों की उपस्थिति व सहयोग रही।

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