
इमरजेंसी लगाने वाली कांग्रेस को संविधान की बातें शोभा नहीं देती : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बड़ा बयान | कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क – संविधान पर राजनीति बंद करें : सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कांग्रेस पर तीखा हमला, बोले - जिन्होंने संविधान की धज्जियां उड़ाईं, वे आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने देश में इमरजेंसी लगाकर संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटा, आज वही पार्टी संविधान की दुहाई दे रही है। यह दोहरा रवैया अब जनता भलीभांति समझ चुकी है।
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस को संविधान की बात करना शोभा नहीं देता क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब उन्हें सत्ता की भूख लगी, तब उन्होंने संविधान के मूल अधिकारों तक को कुचल दिया। वर्ष 1975 में जब इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने देश में आपातकाल (Emergency) लागू किया, तब लोकतंत्र को ताक पर रख दिया गया था।
इमरजेंसी का काला अध्याय अभी भी जीवित है
मुख्यमंत्री ने कहा कि इमरजेंसी का वो दौर भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय था। प्रेस की स्वतंत्रता छीन ली गई, विपक्षी नेताओं को जेलों में डाला गया, आम नागरिकों की आवाज को दबा दिया गया। ऐसे में आज जब कांग्रेस संविधान और लोकतंत्र की बात करती है, तो यह केवल एक राजनीतिक नौटंकी लगती है।
कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क
विष्णु देव साय ने आगे कहा कि कांग्रेस के डीएनए में लोकतंत्र नहीं है। उनकी कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है। वे सिर्फ सत्ता के लिए संविधान का नाम लेते हैं, जबकि उनका इतिहास संविधान के साथ खिलवाड़ करने का रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा संविधान के मूल्यों की रक्षा की है और डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को सम्मान दिया है। जबकि कांग्रेस ने बार-बार संविधान को अपने स्वार्थ के लिए मोड़ा और तोड़ा।
देश की जनता जान चुकी है सच्चाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश की जनता समझ चुकी है कि कौन संविधान और लोकतंत्र के लिए वास्तव में प्रतिबद्ध है और कौन केवल दिखावा करता है। कांग्रेस की फर्ज़ी संवैधानिक चिंताओं को अब कोई गंभीरता से नहीं लेता।
उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का श्रेय जनता को जाता है, जिसने आपातकाल के बाद कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया। यह सबक कांग्रेस कभी नहीं भूल सकती, और न ही जनता उसे भूलने देगी।
राजनीतिक स्वार्थ के लिए न करें संविधान की दुहाई
सीएम साय ने यह भी कहा कि कांग्रेस अब भी राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान का सहारा लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह दांव अब नहीं चलेगा। भाजपा ने सदैव संविधान को सर्वोच्च स्थान दिया है और आगे भी देती रहेगी।
बाबासाहेब का अपमान कर चुकी है कांग्रेस
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाबासाहेब अंबेडकर को वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे हकदार थे। वर्षों तक उनकी नीतियों को नजरअंदाज किया गया, उनके विचारों को दबाया गया और उनके अनुयायियों को दरकिनार किया गया।
निष्कर्षतः
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह बयान न केवल कांग्रेस के दोहरे चरित्र को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आज की राजनीति में कौन वास्तव में संविधान के मूल्यों को अपनाता है और कौन केवल राजनीतिक लाभ के लिए उसका उपयोग करता है। इमरजेंसी का इतिहास कभी नहीं भुलाया जा सकता और उसे याद दिलाना आज भी प्रासंगिक है, खासकर तब जब वही पार्टी संविधान की दुहाई दे रही हो जिसने कभी उसे कुचला था।