
“जय भीम पदयात्रा” में उमड़ा जनसैलाब | संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर की स्मृति में युवाओं ने दिखाया अभूतपूर्व उत्साह
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बाबा साहब को किया नमन | संविधान, समरसता और भारत की सांस्कृतिक विरासत को समर्पित ऐतिहासिक पदयात्रा
रायपुर, 13 अप्रैल 2025।
“मेरा भारत महान, जय भारत – जय संविधान” के बुलंद नारों के साथ रायपुर की सड़कों पर आज देशभक्ति और संविधान प्रेम की मिसाल देखने को मिली। तेलीबांधा तालाब से अंबेडकर चौक तक निकाली गई “जय भीम पदयात्रा” में हजारों की संख्या में स्कूली बच्चों, युवाओं और नागरिकों ने भाग लिया। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भी शामिल होकर बाबा साहब को नमन किया और देशवासियों से संविधान की मूल भावना को आत्मसात करने का आह्वान किया।
बाबा साहब का संविधान, भारत की आत्मा
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “भारतीय संविधान केवल एक कानून की किताब नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति, परंपरा और इतिहास का आईना है। यह हमें समानता, स्वतंत्रता और गरिमा से जीने का अधिकार देता है।” उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर एक महान कानूनविद, विचारक और सामाजिक न्याय के अग्रदूत थे जिन्होंने करोड़ों भारतीयों को नया जीवन दर्शन दिया।
जय भीम पदयात्रा में युवाओं का जोश, बच्चों की सहभागिता
पदयात्रा की शुरुआत रायपुर के तेलीबांधा तालाब से हुई और समापन डॉ. अंबेडकर चौक पर हुआ। पूरे रास्ते देशभक्ति और संविधान प्रेम से ओतप्रोत नारों की गूंज सुनाई दी। हजारों बच्चों और युवाओं ने हाथों में संविधान और अंबेडकर जी के पोस्टर लेकर लोकतंत्र के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की। मुख्यमंत्री श्री साय स्वयं युवाओं के बीच पदयात्रा में शामिल हुए और अंत में बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रिएम्बल वाल पर हस्ताक्षर, संविधान के प्रति जताई निष्ठा
मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘प्रिएम्बल वाल’ पर हस्ताक्षर कर संविधान की मूल भावना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि संविधान के प्रति ऐसी सार्वजनिक निष्ठा ही भारत को सशक्त, समावेशी और न्यायपूर्ण राष्ट्र बनाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हो रहा है अंबेडकर विचारों का वैश्विक प्रसार
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “बाबा साहब की समृद्ध विरासत को प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक मंचों तक पहुंचा रहे हैं। उनके द्वारा पंचतीर्थ स्थलों का विकास, संविधान दिवस की शुरुआत और सामाजिक न्याय की दिशा में किए गए निर्णय, बाबा साहब के विचारों को सशक्त संदेश के रूप में पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।”
संविधान है युवा पीढ़ी का मार्गदर्शक
मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि बाबा साहब के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने पहले थे। “संविधान हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। युवा शक्ति को संविधान के अनुरूप राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।”
विशेष सहभागिता और सम्मान
इस आयोजन में समाज के विभिन्न वर्गों, शैक्षणिक संस्थानों, एनजीओ और युवाओं की विशेष भागीदारी रही। मंच से विशिष्ट युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में विधायकगण, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, युवा आयोग के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।
निष्कर्ष
‘जय भीम पदयात्रा’ आज केवल एक आयोजन नहीं बल्कि संविधान के आदर्शों के प्रति निष्ठा, बाबा साहब के योगदान के प्रति सम्मान और भारत के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक जागरूक कदम बन गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में यह संदेश पूरे प्रदेश और देश में गया कि “संविधान हमारा गौरव है और बाबा साहब हमारे पथ प्रदर्शक।”