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भारतरत्न सम्मान के लिए लालकृष्ण आडवाणी जी का नाम आना पुरे देश के लिए गर्व की बात :ओ पी चौधरी वित्त मंत्री

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रायपुर :- भारत सरकार के द्वारा देश का सर्वोच्च सम्मान के तहत देश मे अयसे महापुरुषों, राजनीतिज्ञो, समाजसेवी, जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभाने वाले लोगों की सूची प्रकाशित कर दिया है। जिसके तहत भारत देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री, भाजपा के संस्थापक रहे। पितृ पुरुष कहे जाने वाले आदरणीय लाल कृष्ण आडवाणी जी को भी भारत रत्न से सम्मानित किए जायेगे। भारत सरकार के द्वारा इस निर्णय को अत्यंत महत्वपूर्ण व सही निर्णय माना जा रहा है ।

बता दें कि इस निर्णय पर छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए। इस निर्णय के लिए भारत सरकार व माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है । वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने सोशल मंच में जारी किए गए। इस संदेश मे श्रद्धेय आडवाणी को अपने राजनैतिक जीवन में राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश की सेवा करने वाला महान नेता प्रस्तुत किया। आगे कहा आडवाणी जी का देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए चुना जाना। सभी के लिए गर्व का विषय है। क्योंकि आरंभ से अब तक कि भाजपा को दो सीटो से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का श्रेय किसी को जाता है। तो वो लालकृष्ण आडवाणी जी को ही माना जाता है ।

गौरतलब हो कि इतना ही नहीं आडवाणी जी को भारतीय राजनीति के इतिहास का अहम अध्याय बताते हुए। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने उनके राजनीतिक सेवाओं व योगदान को अवगत कराते हुए। आगे कहांं कि 1990 के दशक के दौरान राम मन्दिर निर्माण के लिए। सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा निकाल कर। पूरे देश मे राम नाम की अलख जगाई। वही राम मंदिर निर्माण के लिए आडवाणी जी ने सत्ता धारी दलों की यातनाएं भी झेली।

ज्ञात हो कि तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके। आडवाणी जी चार बार राज्यसभा के और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। वर्ष 1977 से 1979 तक, पहली बार केन्द्रीय सरकार में कैबिनेट मन्त्री का दायित्व सँभाला । आडवाणी इस दौरान सूचना एवं प्रसारण मन्त्री रहे। वही एन डी ए के शासनकाल में उपप्रधानमन्त्री भी रहे। लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एन डी ए की सरकार बनने के बाद। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्रीय गृहमन्त्री बने। वही फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमन्त्री पद का दायित्व भी सौंपा गया। भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में आडवाणी अपनी भूमिका के लिए कई बार सराहे गए। तो वही कई बार पुरस्कृत भी किए गए।इस प्रकार भारत सरकार के द्वारा लालकृष्ण आडवाणी जी का नाम अयसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। तो यह बडे गर्व की बात है।रायपुर :- भारत सरकार के द्वारा देश का सर्वोच्च सम्मान के तहत देश मे अयसे महापुरुषों, राजनीतिज्ञो, समाजसेवी, जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभाने वाले लोगों की सूची प्रकाशित कर दिया है। जिसके तहत भारत देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री, भाजपा के संस्थापक रहे। पितृ पुरुष कहे जाने वाले आदरणीय लाल कृष्ण आडवाणी जी को भी भारत रत्न से सम्मानित किए जायेगे। भारत सरकार के द्वारा इस निर्णय को अत्यंत महत्वपूर्ण व सही निर्णय माना जा रहा है । बता दें कि इस निर्णय पर छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भी हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए। इस निर्णय के लिए भारत सरकार व माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है । वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने सोशल मंच में जारी किए गए। इस संदेश मे श्रद्धेय आडवाणी को अपने राजनैतिक जीवन में राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश की सेवा करने वाला महान नेता प्रस्तुत किया। आगे कहा आडवाणी जी का देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए चुना जाना। सभी के लिए गर्व का विषय है। क्योंकि आरंभ से अब तक कि भाजपा को दो सीटो से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का श्रेय किसी को जाता है। तो वो लालकृष्ण आडवाणी जी को ही माना जाता है । गौरतलब हो कि इतना ही नहीं आडवाणी जी को भारतीय राजनीति के इतिहास का अहम अध्याय बताते हुए। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने उनके राजनीतिक सेवाओं व योगदान को अवगत कराते हुए। आगे कहांं कि 1990 के दशक के दौरान राम मन्दिर निर्माण के लिए। सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा निकाल कर। पूरे देश मे राम नाम की अलख जगाई। वही राम मंदिर निर्माण के लिए आडवाणी जी ने सत्ता धारी दलों की यातनाएं भी झेली। ज्ञात हो कि तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके। आडवाणी जी चार बार राज्यसभा के और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। वर्ष 1977 से 1979 तक, पहली बार केन्द्रीय सरकार में कैबिनेट मन्त्री का दायित्व सँभाला । आडवाणी इस दौरान सूचना एवं प्रसारण मन्त्री रहे। वही एन डी ए के शासनकाल में उपप्रधानमन्त्री भी रहे। लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एन डी ए की सरकार बनने के बाद। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्रीय गृहमन्त्री बने। वही फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमन्त्री पद का दायित्व भी सौंपा गया। भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में आडवाणी अपनी भूमिका के लिए कई बार सराहे गए। तो वही कई बार पुरस्कृत भी किए गए।इस प्रकार भारत सरकार के द्वारा लालकृष्ण आडवाणी जी का नाम अयसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। तो यह बडे गर्व की बात है।

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Rajendra Sahu

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