
छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर क्रांति: नवा रायपुर बना तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया देश के पहले गैलियम नाइट्राइड सेमीकंडक्टर प्लांट का भूमिपूजन; 1,143 करोड़ के निवेश से 10 अरब चिप्स का होगा उत्पादन
रायपुर, 11 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ ने तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नवा रायपुर में देश के पहले गैलियम नाइट्राइड (GaN) आधारित सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस ऐतिहासिक अवसर पर कहा कि यह परियोजना न केवल राज्य के लिए गर्व का विषय है, बल्कि भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल है।
पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 1,143 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित होने वाला यह अत्याधुनिक संयंत्र 2030 तक हर साल 10 अरब चिप्स का उत्पादन करेगा। इन चिप्स का उपयोग 5G, 6G, हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, रक्षा प्रौद्योगिकी और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा, जिससे भारत की सेमीकंडक्टर आयात पर निर्भरता कम होगी और देश को वैश्विक तकनीकी महाशक्ति बनने की दिशा में मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “यह हमारे प्रदेश के लिए गर्व और प्रगति का ऐतिहासिक क्षण है। सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना केवल एक औद्योगिक निवेश नहीं, बल्कि तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल हमारे युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।”
इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और लाखों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। इसका सबसे बड़ा सामाजिक प्रभाव बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दिखेगा, जहां युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर आधुनिक उद्योग से जोड़ा जाएगा।
राज्य सरकार ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के साथ-साथ ‘स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर भी जोर देते हुए इस यूनिट की स्थापना में किसी भी अड़चन को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई की। उद्योग विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कंपनी को नवा रायपुर के सेक्टर 5 में 45 दिनों से भी कम समय में टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से भूमि आवंटित की गई और 25 दिनों से कम में लीज डीड का पंजीकरण पूरा कर लिया गया।
पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री ईश्वरा राव नंदम ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में 10,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई 2026 से प्लांट से उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। इस संयंत्र के माध्यम से ट्रांजिस्टर, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के क्षेत्र में नई ऊँचाई प्राप्त होगी। इससे राज्य में 5,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा।
इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, एनआरडीए के सीईओ श्री सौरभ कुमार, सीएसआईडीसी के एमडी श्री विश्वेश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और पॉलीमैटेक कंपनी के कर्मचारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ में इस सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना से राज्य को तकनीकी क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी और यह नवा रायपुर को भारत की सिलिकॉन वैली के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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प्रमुख बिंदु:
सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना: नवा रायपुर में देश का पहला गैलियम नाइट्राइड (GaN) आधारित सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
निवेश और उत्पादन: पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा 1,143 करोड़ रुपये के निवेश से 2030 तक हर साल 10 अरब चिप्स का उत्पादन किया जाएगा।
रोजगार के अवसर: इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और लाखों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।
तकनीकी आत्मनिर्भरता: इस संयंत्र की स्थापना से भारत की सेमीकंडक्टर आयात पर निर्भरता कम होगी और देश को वैश्विक तकनीकी महाशक्ति बनने की दिशा में मजबूती मिलेगी।
सरकारी समर्थन: राज्य सरकार ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर जोर देते हुए इस यूनिट की स्थापना में तेजी से कार्रवाई की है।
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यह परियोजना छत्तीसगढ़ को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगी।