
CG भर्ती परीक्षा में पूछे गए अनोखे सवाल! ‘गंगा नहाने का मतलब?’ और ‘कर्क रेखा छत्तीसगढ़ में कहां से गुजरती है?’ ने किया हैरान
सहायक सांख्यिकी अधिकारी भर्ती परीक्षा में 16% अभ्यर्थियों ने लिया हिस्सा, जीके से लेकर रीजनिंग तक के सवालों ने लिया परीक्षा का टेस्ट
रायपुर: छत्तीसगढ़ में आयोजित सहायक सांख्यिकी अधिकारी भर्ती परीक्षा ने इस बार अपने अनोखे और विविधतापूर्ण सवालों से अभ्यर्थियों को चौंका दिया। परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों से ऐसे सवाल पूछे गए जो केवल सामान्य ज्ञान तक सीमित नहीं थे, बल्कि संस्कृति, भौगोलिक स्थिति और भाषा की समझ तक को परखते नजर आए।
परीक्षा में शामिल प्रश्नों में एक सवाल ने सबका ध्यान खींचा – ‘गंगा नहाने का क्या मतलब होता है?’। यह सवाल न केवल शब्दशः समझ की मांग करता था, बल्कि सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की भी परीक्षा लेता था। वहीं, दूसरा चर्चित सवाल था – ‘कर्क रेखा छत्तीसगढ़ में कहां से गुजरती है?’। ये सवाल बताता है कि परीक्षा का स्तर अब केवल किताबी ज्ञान से नहीं, व्यावहारिक और व्यापक समझ से भी जुड़ चुका है।
इस परीक्षा में कुल 17 परीक्षा केंद्रों पर आयोजन किया गया था, जिसमें करीब 16 प्रतिशत अभ्यर्थी ही उपस्थित हुए। लगभग 50-60 अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में भाग लिया।
परीक्षा के पहले मोबाइल और बैग जमा कराए गए
परीक्षा के दौरान कड़ी निगरानी रखी गई। सभी परीक्षार्थियों के मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज को जमा कराया गया। परीक्षा संपन्न होने के बाद उन्हें वापस किया गया। इससे परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर विभाग की गंभीरता साफ दिखी।
इन विषयों से पूछे गए सवाल
परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों की श्रेणी बेहद विविध थी –
भाषा ज्ञान: मुहावरे, कहावतों और उनके अर्थ जैसे सवाल
भूगोल: कर्क रेखा, राज्य की भौगोलिक स्थिति से जुड़े सवाल
इतिहास और संस्कृति: गंगा स्नान का सांस्कृतिक महत्व
रीजनिंग और गणित: लॉजिकल पजल्स, कैलकुलेशन आधारित प्रश्न
कंप्यूटर ज्ञान: बेसिक कंप्यूटर ऑपरेशन्स से जुड़े प्रश्न
करंट अफेयर्स: हाल के राज्य और राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर आधारित सवाल
कई अभ्यर्थी परीक्षा से संतुष्ट नहीं दिखे
परीक्षा देकर निकले कई अभ्यर्थियों का मानना था कि इस बार सवालों का स्तर पहले की अपेक्षा अलग और थोड़ा चुनौतीपूर्ण था। खासकर भाषा और सामान्य ज्ञान के सवालों में गहराई थी। एक अभ्यर्थी ने कहा, “हमने किताबों में गंगा नहाने का मतलब नहीं पढ़ा था, यह सवाल हमें सोचने पर मजबूर कर गया।”
परीक्षा प्रक्रिया से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
हालांकि, परीक्षा की व्यवस्था को लेकर परीक्षार्थियों ने संतोष जताया। केंद्रों पर अच्छी व्यवस्था, शांतिपूर्ण माहौल और अनुशासित संचालन से अभ्यर्थी खुश नजर आए।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में आयोजित सहायक सांख्यिकी अधिकारी भर्ती परीक्षा न केवल उम्मीदवारों के ज्ञान का परीक्षण था, बल्कि यह एक संकेत भी था कि सरकारी परीक्षाएं अब रटंत प्रणाली से बाहर आकर व्यावहारिक और बौद्धिक समझ की ओर अग्रसर हो रही हैं।
इस तरह के प्रश्न जहां अभ्यर्थियों की गहन सोच को मजबूती देते हैं, वहीं राज्य की सांस्कृतिक और भौगोलिक समझ को भी उजागर करते हैं। यह परीक्षा भविष्य की परीक्षाओं के लिए एक नया मापदंड हो सकती है।