
Vat tree worship | ग्राम भटभेरा मे सुहागिनो ने की आस्था पूर्वक वटवृक्ष की पूजा, मांगा पतिदेव की दीर्घायु
आस्था व विश्वास का पर्व है वटसावित्री व्रत पुरे देश में सुहागीनो ने मनाया
Vat tree worship
सुहेला बलौदाबाजार :
पुरे देश भर के साथ छत्तीसगढ़ में भी सुहागीनो ने वट सावित्री व्रत रख वटवृक्ष की पुजा कीये। यह प्रतिवर्ष वट वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा विष्णु और महेश का वास होता है।
बता दे कि इस वर्ष 26 मई दिन सोमवार को वट सावित्री व्रत की पुजा की गई। हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व जेठ माह की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत करने की परंपरा होती है। इस दिन विवाहित सुहागीन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के कामना करती है। वही पेड़ की पूजा भी की जाती है। इस पर्व का महत्व करवा चौथ जैसा ही है।
गौरतलब हो कि यह जेठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 26 मई सोमवार को दोपहर 12बजे शुरू होने के साथ इस तिथि का समापन 27 मई को सुबह 8:31 तक होगा। वट सावित्री पर कल भरणी नक्षत्र शोभन योग की अधिक गढ़ योग का शुभ सहयोग बढ़ रहा है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त 11:54 से दोपहर 12:22 मिनट तक रहेगा। यह समय वस्त्र और पूजा के लिए अत्यंत फल दायक माना जाता है। सबसे खास बात यह है की वट सावित्री व्रत सोमवार को पड रहा है।
जिससे यहां सोमवती अमावस्या भी बन रही है। यह सहयोग अत्यंत दुर्लभ और सौभाग्यशाली माना जाता है। साथ ही चंद्रमा इस दिन अपनी उच्च राशि वृषभ के संचार करेगा। जो शुभ सकाल है। वट वृक्ष के नीचे सावित्री सत्यवान और यमराज की मूर्ति स्थापित करें। आप चाहते है तो यह पूजा मासिक रूप से भी कर सकते हैं। वट वृक्ष की जड़ में जल डालने,के साथ फल धूप और मिठाई चढा कर पूजा किया गया। तत्पश्चात कच्चे धागे से वट वृक्ष की परिक्रमा करते हुए। चारो ओर लपेटते गये। और फिर सात बार परिक्रमा कर। हाथ में भीगा चना लेकर सावित्री सत्यवान की कथा का श्रवण किया गया। वही चना, कुछ धन और वस्त्र अपनी सांस को देखकर उनका आशीर्वाद लेते हुए वट वृक्ष का उपवास समाप्त किया गया । यह जानकारी नरेंद्र कुमार साहू द्वारा दिया गया।