गंगाजल लेकर सौगंध उठाना और पूर्ण नहीं करना अक्षम्य अपराध: आचार्य कृष्ण कुमार तिवारी

Rajendra Sahu
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जगदलपुर : 21 मार्च को आज की कथा में पं. तिवारी ने कहा कि देवी भागवत के सातवें दिन निकाली गई मां कालरात्रि की पालकी
हर दिन को अंतिम मान कर सत्कर्म करते रहना चाहिए
गंगा हमारी सबसे बड़ी आस्था है और गंगाजल लेकर जो लोग सौगात उठाते हैं किंतु उसे पूरा नहीं करते। वह अक्षम अपराध करते हैं। ऐसे लोगों को समाज तिरस्कृत भाव से देखता है। अच्छा कार्य करें। इस जीवन में हर दिन को अंतिम दिन मानकर सत्कर्म करते रहना चाहिए। कल पर भरोसा मत करो, न जाने कल तुम्हारे लिए क्या लेकर आएगा! यह बातें श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के सातवें दिन गुरुवार को महामाया धाम पाटन से पहुंचे आचार्य कृष्ण कुमार तिवारी ने कही है।

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बस्तर जिला पत्रकार संघ द्वारा मां दंतेश्वरी मंदिर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के सातवें दिन राधारानी, तुलसी माता की महिमा तथा शंखचूर्ण दैत्य की कथा का श्रवण भक्तों ने किया। श्रोताओं को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि आपका घर मंदिर की तरह है। रसोई घर में मां अन्नपूर्णा का वास होता है। यहां चप्पल पहन कर प्रवेश न करें। इसे पवित्र बनाए रखने का हर सम्भव प्रयास करें।
बात – बात में कोसे नहीं
राधारानी की कथा बाचते हुए उन्होंने बताया कि गो लोक में राधारानी भगवान को बहुत प्रेम करती थीं, अगर कोई भगवान को निहारता तो किसी को भी श्राप दे देती थीं। एक बार सुदामा नामक गोपी ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, तो राधारानी क्रुद्ध हो गईं और सुदामा को ही राक्षस होने का श्राप दे दिया। इस बात से नाराज सुदामा ने भी राधारानी को श्राप दिया कि जिस भगवान के कारण आप बात – बात में लोगों को श्राप देती हैं। उससे 100 साल तक दूर रहकर वियोग सहोगी। इस श्राप के चलते ही वह धरती में वृषभान के घर जन्मी और श्रीकृष्ण वियोग सहती रही।

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आचार्य ने श्रोताओं को अपने व्यवहारिक जिंदगी में एकादशी व्रत रखने, नित गंगाजल पीने, तुलसी दल ग्रहण करने, गीता का नित्य पाठ करने तथा कम से कम 6 मिनट ईश्वर की स्तुति करने की अपील करते हुए समझाया कि जब कल का भरोसा नहीं है तो आज ही परलोक क्यों नहीं सुधार लेते।
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कालरात्रि ने किया नगर भ्रमण

भागवत महापुराण के सातवें दिन की कथा के तुरंत बाद मां कालरात्रि की पालकी निकाली गई। गुरूवार को मां कालरात्रि की पालकी निकालने का सौभाग्य 360 आरण्यक ब्राह्मण समाज को प्राप्त हुआ। यह डोली नियमानुसार सिरहासार चौक, गोल बाजार, मिताली चौक, पैलेस रोड होते हुए मां दंतेश्वरी मंदिर लौटी, तत्पश्चात् महाआरती की गई।

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कल के अनुष्ठान

श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के आठवें दिन शुक्रवार को मनसा देवी की कथा, रुद्राक्ष उत्पत्ति और महिमा तथा मां गायत्री महिमा का वर्णन आएगा। इसके साथ ही मां महागौरी की अष्टम पालकी नगर में निकाली जाएगी।

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