डिजीटल इंडिया के नाम पर महंगी प्लान लिंक फेल स्लो इंटर्नेट के रूप में भारी मार सह रही जनता
रायपुर : भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत जनता के सभी चीजो को आन लाईन करके डिजीटीलाईजेशन कर दिया है। सभी जनता को ” डिजीटल इंडिया” का सपना दिखाकर पूरे देश को इंटरनेट और तकनीक से जोड़ तो दिया। लेकिन क्या यह सपना हकीकत में बदला? क्योंकि विडंबना यह है कि आज देश में करोड़ों लोग निजी टेलिकाम कंपनीयो के भरोसे ही चल रहा है। जिसका धीमे इंटरनेट, खराब नेटवर्क और बार-बार कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझ रहे हैं। बड़े-बड़े टेलीकॉम ब्रांड 5G, हाई-स्पीड डेटा और बेहतरीन नेटवर्क का वादा तो करते हैं। लेकिन हकीकत में स्थिति कुछ और ही नजर आती है।

लिंक फेल लो स्पीड से सरकारी निजी व जरूरी काम ठप फिर भी सरकार व कंपनियां मौन
बता दे कि आज हालात यह हैं कि शहरों से लेकर गांवों तक हर जगह लोग नेटवर्क की समस्या झेल रहे हैं। कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से गायब हो जाता है। तो वही जहां नेटवर्क आता भी है, वहां इंटरनेट की स्पीड इतनी धीमी होती है कि कोई भी ऑनलाइन काम आसानी से नहीं हो पाता। बडी बात है कि देश के गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार व ग्राहकों को महंगे प्लान खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है। लेकिन बदले में उन्हें अच्छा नेटवर्क तक नहीं मिल रहा। कॉल ड्रॉप और धीमे इंटरनेट की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन टेलीकॉम कंपनियां इन समस्याओं को सुलझाने के बजाय नए-नए प्लान लाने में लगी हुई हैं।
क्या सरकार और टेलीकॉम कंपनियां जनता के साथ धोखा नही कर रहा?
गौरतलब हो कि सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए। लेकिन क्या इसका लाभ आम लोगों को मिला? हकीकत में आज भी लाखों लोग अच्छे नेटवर्क के लिए तरस रहे हैं। खासकर गांवों और दूरदराज के इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की हालत बदतर बनी हुई है। वही सबसे बड़ी बात यह है कि जब ग्राहक नेटवर्क की समस्या को लेकर टेलीकॉम कंपनियों से शिकायत करते हैं। तो उन्हें सिर्फ ‘आश्वासन और तरह तरह के कारण व सवाल जवाब करके हम आपकी समस्या पर काम कर रहे हैं’। यही कह दिया जाता है। और इसी के साथ बात को टाल दिया जाता है। न ही कंपनियां नेटवर्क सुधारने के लिए ठोस कदम उठा रही हैं। और न ही सरकार इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई कर रही है।सरकार मौनी भगत बना हुआ है।
जनता को कब मिलेगा अच्छा नेटवर्क?
अवगत हो की आज के दौर में जब सरकार डिजिटल सेवाओं पर ज़ोर दे रही है। तो नेटवर्क की समस्या को हल करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। यदि सही कदम नहीं उठाए गए। तो डिजिटल इंडिया का सपना अधूरा ही रह जाएगा और आम जनता को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। जनता हमेशा परेशानियों का सामना करते रहेंगे। अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी और टेलीकॉम कंपनियों को जवाबदेह बनाएगी? या फिर जनता को इसी तरह महंगे प्लान और खराब नेटवर्क की समस्या से जुझते ही रहना पड़ेगा।
यह देश के लिए बहुत बडी समस्या है। जिस पर सरकार को उचित व त्वरित कदम उठाने चाहिए। जिस पर सरकार को चहिये की सरकारी फ्रि व उचित सस्केंद्रित करनी ही होगी। ती दर के डेटा प्लान देश के जनता को मुहैया कराये। इस पर सरकारी कंपनीयो के भरोसे न रहने दे। देश की जनता व सभी डिजीटीलाईजेशन से जुडे कामकाजी लोगो की यही मांग व जरूरतें है। जिस पर सरकार को ध्यान देना ही पडेगा।