
स्वदेश पत्रिका के विमर्श कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय का संबोधन, भारतीयता के प्रसार में स्वदेश की भूमिका सराही
पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में हुआ विमर्श कार्यक्रम, मुख्यमंत्री ने स्वदेश पत्रिका के योगदान को बताया ऐतिहासिक
रायपुर, 01 अप्रैल 2025: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित स्वदेश पत्रिका के विशेष विमर्श कार्यक्रम में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वदेश पत्रिका ने समाचारों के माध्यम से भारतीयता की भावना को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है।
स्वदेश पत्रिका: भारतीयता के प्रचार का सशक्त माध्यम
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा, “स्वदेश सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जिसने सात दशकों से भारतीयता को जीवंत बनाए रखा है। इस पत्रिका ने राष्ट्रीयता, सांस्कृतिक उत्थान और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने का ऐतिहासिक कार्य किया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि स्वदेश पत्रिका ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए भी संघर्ष किया। आपातकाल के दौरान जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया था, तब भी इस पत्रिका ने निर्भीकता से सत्य प्रकाशित किया।
विमर्श कार्यक्रम में श्रीराम के आदर्शों पर चर्चा
इस विशेष विमर्श का विषय “समय है अब मन की अयोध्या को सजाने का” रखा गया था, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री रामदत्त चक्रधर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने भगवान श्रीराम के आदर्शों और उनके गुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “मन की अयोध्या को सजाना यानी अपने भीतर श्रीराम के आदर्शों को उतारना है।”
उन्होंने श्रीराम के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को साझा किया और बताया कि कैसे वचनबद्धता, धैर्य, करुणा, परामर्श, न्याय, अहंकार का त्याग और मित्रता जैसे गुणों को अपनाकर हम एक आदर्श समाज की स्थापना कर सकते हैं।
भारतीयता और लोकतंत्र की रक्षा में स्वदेश की भूमिका
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वदेश पत्रिका के योगदान को याद करते हुए कहा कि यह पत्र सिर्फ समाचार देने का काम नहीं करता, बल्कि भारतीयता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का भी जिम्मा निभाता है। उन्होंने कहा, “जब 1975 में आपातकाल लागू हुआ, तब स्वदेश पत्रिका ने सत्य की रक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद की और इसके कई पत्रकारों को जेल तक जाना पड़ा। लेकिन यह पत्र अडिग रहा और लोगों तक सच्चाई पहुंचाता रहा।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी स्वयं इस पत्रिका के संपादक रहे थे और उन्होंने भारतीय विचारधारा को आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया।
विकसित भारत की संकल्पना और रामराज्य की ओर बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम की ननिहाल है और यहां उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। उन्होंने कहा कि रामराज्य का अर्थ है जनता की सेवा, और सरकार इसी भावना के साथ कार्य कर रही है। “हमारी सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर सुशासन और पारदर्शिता को प्राथमिकता दे रही है।”
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाने की दिशा में कार्यरत है।
कार्यक्रम में हुआ पुस्तक विमोचन, गणमान्य हुए शामिल
इस अवसर पर अयोध्या आंदोलन पर केंद्रित पुस्तक “राम काजु कीन्हें बिनु” और छत्तीसगढ़ की लोक कला-संस्कृति पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य क्षेत्र के संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने की।
इसके अलावा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, स्वदेश पत्रिका समूह के संपादक श्री अतुल तारे, प्रबंध संपादक श्री यशवर्धन जैन सहित कई गणमान्य व्यक्ति मंच पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मध्य क्षेत्र के संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना, और छत्तीसगढ़ प्रांत प्रचारक श्री अभयराम शामिल थे।
कार्यक्रम की प्रस्तावना स्वदेश पत्रिका के समूह संपादक श्री अतुल तारे ने रखी, संचालन श्री शशांक शर्मा ने किया, और आभार प्रदर्शन स्थानीय संपादक श्री योगेश मिश्रा ने किया।
निष्कर्ष: स्वदेश पत्रिका ने भारतीयता की भावना को जीवंत रखा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि स्वदेश पत्रिका केवल खबरों का माध्यम नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रवाद की रक्षा करने वाली शक्ति है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ऐसे सभी प्रयासों को प्रोत्साहित करेगी जो भारतीयता, लोकतंत्र और सामाजिक समरसता को मजबूत करें।
इस कार्यक्रम ने भारतीय संस्कृति, रामराज्य की संकल्पना और लोकतंत्र की रक्षा में पत्रकारिता की भूमिका को उजागर किया। स्वदेश पत्रिका ने यह साबित किया है कि समाचारों से भी राष्ट्र निर्माण संभव है।