
नियद नेल्ला नार योजना से पुसकोंटा में विकास की रोशनी, मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में बदली तस्वीर
छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल में पहुंची विकास की सौगात, बिजली, पानी और सड़क से ग्रामीणों के जीवन में आया बड़ा बदलाव
रायपुर, 01 अप्रैल 2025: घने जंगलों और दुर्गम रास्तों से घिरा बीजापुर जिले का पुसकोंटा गांव, जो अब तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित था, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चल रही “नियद नेल्ला नार योजना” के तहत विकास की नई रोशनी से जगमगा उठा है।
कुछ समय पहले तक बिजली, सड़क और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से दूर इस गांव में अब बदलाव की नई बयार बह रही है। इस योजना के अंतर्गत हर घर में बिजली, नल से जल, मोबाइल टावर, सड़क और अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुंचाई गई हैं। गांव के लोगों का जीवन पूरी तरह बदल चुका है।
बिजली ने दूर किया अंधकार, सुरक्षा और प्रगति की ओर कदम
गांव के निवासी देवा कुंजाम कहते हैं, “पहले सूरज ढलते ही गांव अंधेरे में डूब जाता था। जंगल से जंगली जानवरों का खतरा बना रहता था। लेकिन जब से बिजली आई है, हमारी रातें भी सुरक्षित हो गई हैं और बच्चे भी आसानी से पढ़ाई कर पा रहे हैं।”
बिजली के आने से गांव में छोटे-मोटे व्यापार और कुटीर उद्योगों के लिए भी नई संभावनाएं खुली हैं। महिलाएं अब सिलाई-कढ़ाई जैसे छोटे व्यवसाय शुरू कर पा रही हैं, जिससे उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता आई है।
जल जीवन मिशन से हर घर में पानी, महिलाओं को मिली राहत
गांव की महिला जमुना मिच्छा कहती हैं, “पहले हमें कई किलोमीटर दूर हैंडपंप से पानी लाना पड़ता था। लेकिन जल जीवन मिशन के तहत अब हर घर में नल से पानी आ रहा है। इससे हमें पानी लाने में लगने वाला समय बच रहा है और हम अपने बच्चों की देखभाल अच्छे से कर पा रहे हैं।”
साफ पानी मिलने से ग्रामीणों के स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है। पहले जहां दूषित पानी से बीमारियां फैलती थीं, अब स्वस्थ जीवनशैली की ओर कदम बढ़ चुके हैं।
सड़क, मोबाइल टावर और डिजिटल कनेक्टिविटी ने जोड़ा मुख्यधारा से
पहले जहां पुसकोंटा पहुंचने के लिए लोगों को घंटों पैदल चलना पड़ता था, अब वहां पक्की सड़कें बन चुकी हैं। इसके अलावा, मोबाइल टावर लगने से अब संचार सुविधाएं भी सुलभ हो गई हैं।
भीमा माड़वी नामक ग्रामीण पहली बार रायपुर गए। वह कहते हैं, “पहले हमें दुनिया के बारे में कुछ पता नहीं चलता था, लेकिन अब मोबाइल नेटवर्क आने से हम देश-दुनिया से जुड़ गए हैं।”
शिक्षा और स्वास्थ्य में बड़ा सुधार, बच्चों को मिली नई राह
गांव में आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल बनने से अब बच्चों को शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार हुआ है। पहले जहां इलाज के लिए लोगों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनने से जरूरी इलाज गांव में ही मिल रहा है।
रोजगार के नए अवसर, ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास
प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वरोजगार योजनाओं के तहत गांव में कई लोगों को घर मिले हैं। इसके साथ ही, महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं, जिससे वे आजीविका के नए साधन अपना रही हैं।
मुख्यमंत्री साय की पहल, हर गांव तक विकास की रोशनी
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ का कोई भी गांव अब विकास से वंचित नहीं रहेगा। हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर घर तक बिजली, पानी, सड़क और शिक्षा जैसी सुविधाएं पहुंचे। हम छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
निष्कर्ष: पुसकोंटा बना विकास का प्रतीक
नियद नेल्ला नार योजना के अंतर्गत पुसकोंटा जैसे दूरस्थ गांवों में विकास की किरण पहुंच चुकी है। यह योजना सिर्फ एक बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं, बल्कि एक संकल्प है, जो छत्तीसगढ़ के हर गांव को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रही है।
अब कोई भी गांव ‘दूर’ नहीं और कोई भी सपना ‘असंभव’ नहीं।