
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को नमन | बाबासाहेब अंबेडकर जयंती पर मुख्यमंत्री का श्रद्धांजलि संदेश
डॉ. अंबेडकर की विचारधारा और संविधान निर्माण में उनके योगदान को किया याद, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा - बाबासाहेब हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं
रायपुर: संविधान निर्माता, समाज सुधारक और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने उन्हें सादर नमन किया। मुख्यमंत्री ने बाबासाहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने सामाजिक समानता, न्याय और बंधुत्व के सिद्धांतों को स्थापित कर भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को एक मजबूत आधार प्रदान किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि वे एक महान चिंतक, अर्थशास्त्री, शिक्षाविद और सामाजिक क्रांतिकारी भी थे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना करते हुए समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने का कार्य किया। उनका सपना था एक ऐसा भारत, जहाँ सभी को समान अधिकार मिलें, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग से क्यों न हो।
उन्होंने कहा कि संविधान का निर्माण केवल एक दस्तावेज बनाना नहीं था, बल्कि यह एक ऐसे भारत की नींव रखना था जो लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी मूल्यों पर आधारित हो। बाबासाहेब का यह योगदान भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज का दिन केवल बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देने का नहीं, बल्कि उनके दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लेने का दिन है। हमें उनके विचारों को अपनाकर सामाजिक समरसता, शिक्षा के प्रसार और समान अवसरों की दिशा में कार्य करना होगा।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य सरकार डॉ. अंबेडकर के विचारों से प्रेरित होकर गरीब, दलित, आदिवासी और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है। उनका सपना था कि समाज का हर व्यक्ति शिक्षित हो, स्वावलंबी बने और अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो।
मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं से अपील की कि वे बाबासाहेब के जीवन से प्रेरणा लें और शिक्षा को अपना हथियार बनाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे किसी भी समाज में क्रांति लाई जा सकती है और डॉ. अंबेडकर ने इसे अपने जीवन में सिद्ध कर दिखाया।
इस अवसर पर राज्यभर में विभिन्न सामाजिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में भी डॉ. अंबेडकर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कई स्थानों पर विचार गोष्ठियाँ, भाषण प्रतियोगिताएँ और चित्रकला कार्यक्रमों का आयोजन कर युवाओं को बाबासाहेब के जीवन और उनके आदर्शों से परिचित कराया गया।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का यह संदेश न केवल एक श्रद्धांजलि है, बल्कि एक नई पीढ़ी को उनके विचारों से जोड़ने का प्रयास भी है। उनका जीवन इस बात का प्रतीक है कि दृढ़ निश्चय, कठिन परिश्रम और शिक्षा के बल पर कोई भी व्यक्ति समाज में परिवर्तन ला सकता है।
निष्कर्षतः, डॉ. अंबेडकर का जीवन और उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने स्वतंत्रता के समय थे। मुख्यमंत्री का यह श्रद्धासुमन उन लाखों लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है जो डॉ. अंबेडकर को एक मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत मानते हैं।