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Journalists attacked in hospital | बाउंसरों की गुंडागर्दी पर पुलिस ने कसा शिकंजा 3 को गिरफ्तार कर निकाला जुलुस

राजधानी के मेकाहारा में पत्रकारों से बदसलूकी का मामला सामने आया

Journalists attacked in hospital

रायपुर, 26 मई 2025 :

छत्तीसगढ़ की राजधानी मे डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति अस्पताल (मेकाहारा) में रविवार देर रात मीडियाकर्मियों के साथ हुई बदसलूकी और मारपीट का मामले प्रकाश मे आया है ।जिसमे एक घायल व्यक्ति की रिपोर्टिंग करने पहुंचे पत्रकारों को न सिर्फ रोका गया, बल्कि उनसे हाथापाई और अभद्र व्यवहार भी किया गया। इस घटना ने एक बार फिर पूरे पत्रकार समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।तो वही पत्रकारों व जनता मे आक्रोश व्याप्त है। इस घटना की शुरुआत तब हुई। जब एक चाकूबाजी की घटना में घायल युवक की जानकारी लेने के लिए न्यूज़ चैनल के कुछ रिपोर्टर्स मेकाहारा पहुंचे। अस्पताल में तैनात बाउंसरों ने रिपोर्टर्स को कवरेज से रोका और देखते ही देखते बात हाथापाई तक पहुँच गई। इस दौरान मौजूद बाउंसरों ने न केवल पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की की, बल्कि अस्पताल परिसर में पुलिस की मौजूदगी के बावजूद दबंगई दिखाते हुए। माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।तब इसकी सूचना मिलते ही। रायपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारी और अन्य मीडियाकर्मी भी मौके पर पहुंच गए। तभी बाउंसर एजेंसी का संचालक वसीम बाबू भी अपने तीन साथियों के साथ पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचा। वही वसीम ने खुलेआम पत्रकारों को धमकाया और अस्पताल में तैनात महिला सुरक्षा कर्मियों को जबरन गेट से बाहर निकालते हुए। पत्रकारों की ओर धकेला। पुलिस की मौजूदगी में की गई यह हरकत कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल खड़ी कर रही है।

 

बता दे कि मौके पर मौजूद पत्रकारों ने तत्काल कार्रवाई की मांग की, लेकिन तीन घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर पत्रकारों ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच किया और वहां विरोध प्रदर्शन किया। इसके दबाव में मौदहापारा थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए। बाउंसर एजेंसी के संचालक वसीम बाबू और उसके 2 अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। वही इस दौरान वसीम के घर से एक पिस्तौल और जिंदा कारतूस भी जब्त किए गए हैं।जीसे पुलिस ने जप्त किया।

 

गौरतलब हो कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है.। कि पत्रकारों के साथ इस प्रकार की हरकत करने वालों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। और उसके साथ बदसलूकी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहां सरकार मिडिया कर्मीयो के साथ है। इस मामले में अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने भी पत्रकारों के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए। कहा है कि बाउंसर एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में अस्पताल परिसर में मीडिया की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।यह घटना हमे सबक देती है।

Journalists attacked in hospital

ज्ञात हो कि इस घटना ने फिर छत्तीसगढ़ राज्यभर में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ गई है। कई मीडिया संगठनों ने प्रशासन से अपील की है कि अस्पतालों और संवेदनशील स्थलों पर मीडिया कवरेज में बाधा डालने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। अन्यथा पुरे प्रदेश की सभी पत्रकार व मिडिया कर्मी अनशन पर मजबूर होगे।

 

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