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बलौदाबाजार समाचार | पूर्व विधायक कसडोल शकुंतला साहू ने मां की अर्थी को कंधा दे कर समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने

बेटी नही होने पर बेटी ने मृत मां को कंधा देकर दी खुद मुखाग्नि

बलौदाबाजार समाचार

कसडोल :

छत्तीसगढ़ के जिला बलौदाबाजार के अंतर्गत कसडोल की पूर्व विधायक शकुंतला साहू जी के मां की अकस्मात निधन हो गया। जिसमे पुरे परिवार दुुख छाने के साथ ग्रामीणों मे गहरी संवेदना व्याप्त है। वही पूर्व विधायक शकुंतला साहू जी की कोई भाई नहीं होने के कारण उसे सब संस्कार खुद को बेटे के रूप मे पेश कर हर काम खुद कर रही है। वही इस रंगबदलती दुनिया में बेटा-बेटी में फर्क करने वाले समाज को एक गहरा संदेश देती हुई । कसडोल विधानसभा की पूर्व विधायक एवं पूर्व संसदीय सचिव शकुंतला साहू ने अपने जीवन के सबसे भावुक पल में नजर आई। जब 28 मई, दिन बुधवार को सुबह जब करंट लगने से शकुंतला साहू की मां स्वर्गीय श्रीमती लीला देवी साहू, जिसकी उम्र लगभग 65 रही। उसकी आकस्मिक निधन अंतिम यात्रा में बेटी ने वह भूमिका निभाई, जिसे अब तक परंपरागत रूप से बेटों से जोड़ा जाता रहा है।

 

बता दे कि शकुंतला साहू जी की मां के निधन के बाद शकुंतला साहू ने, न केवल अर्थी को कंधा दिया। बल्कि शमशान घाट में जाकर खुद मुखाग्नि देकर बेटे का धर्म भी निभायी ।इस संस्कार को पुरा कर उन्होंने इस कर्म के माध्यम से समाज को एक बडा संदेश दिया कि “बेटी भी बेटे से कम नहीं होती”।

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ज्ञात हो कि पूर्व विधायक शकुंतला साहू जी के गृहग्राम रसौटा में उनकी माता जी स्वर्गीय श्रीमती लीला देवी साहू जी की अंतिम संस्कार विधि-विधान से किया गया। इस शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाने बड़ी संख्या में ग्रामवासी, सामाजिक प्रतिनिधि, कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। बेटी शकुंतला साहू का यह कदम सभी को भावुक किया। तो वही सभी ने उसके समाज सुधारक और प्रेरित करने वाले कार्य से प्रभावित होकर सभी ने उसकी प्रशंशा कीये।वही उपस्थिति लोगो ने कहा कि हमे अयसे कार्य को अपने घर परिवार व समाज, मे अपनाने चाहिए। जीस परिवार मे बेटी नही हो तो वहां अयसे ही बेटीयो को आगे लाकर यह अनिवार्य संस्कार पुरा करवाने चाहिए।

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