
छत्तीसगढ़ न्यूज | अल्दा मे बालाजी उद्योग को फर्जी तरीके से NOC दिए जाने पर लोगों का फुटा गुस्सा की थाने में शिकायत
ग्राम अल्दा के ग्रमीणो ने दोषियों के विरुद्ध थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई
छत्तीसगढ़ न्यूज
तिल्दा-नेवरा :
छत्तीसगढ़ के जिला रायपुर के तिल्दा नेवरा विकासखंड के ग्राम पंचायत अल्दा मे पुन: मामला ग्रामीणों के आक्रोश के रूप में गरमाया। जिसमे फिर संयंत्र लगाने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र को लेकर ग्रामीणों ने थाना परिसर मे बड़ा बवाल किया । भारी संख्या में ग्रामीणों के द्वारा उपस्थित हो कर अनापत्ति प्रमाण पत्र को फर्जी करार देते हुए। संलिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग किया है ।
बता दे कि मामला रायपुर जिला तिल्दा-नेवरा थाना क्षेत्र के ग्राम अल्दा का है । मिली जानकारी के अनुसार बीते दिन ग्राम अल्दा के महिला, पुरूष सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने थाना पहूंचकर उद्योग स्थापित हेतु । जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र को फर्जी करार देते हुए। दस्तावेजों मे छेड़खानी में लिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग किया है । वही ग्रामीणजनो का आरोप यह भी है कि मेसर्स बालाजी स्पंज एवं पांवर प्राइवेट लिमिटेड उद्योग स्थापना को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु, 3 बार ग्राम सभा आहूत किया गया था। जिसमे तीनों बार ग्रामीणों ने एक ही स्वर में प्रस्ताव को खारिज करते हुए, असहमति जताई। ग्रामिणजनो का आरोप है कि पुर्व सरपंच व कुछ संलिप्त लोगों के द्वारा प्रस्ताव में छेड़खानी कर संबंधित उद्योग को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दे दिया गया। जिसको लेकर ग्राम पंचायत अल्दा के सभी आक्रोशित ग्रामीणजनो ने नाराजगी जताई। वहीं उन्होंने सैकड़ों की संख्या मे तिल्दा-नेवरा थाना पहूंचकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग किया है ।
गौरतलब हो कि पुरे छत्तीसगढ़ मे विकास के नाम पर सरकार व जनप्रतिनिधियों के द्वारा सरकारी बंजर भूमियो मे उद्योगो को निरंतर लगाने के लिए गतिशील है। मगर इसके साथ साथ निजी स्वार्थ के कारण भी कृषि युक्त भूमियो को किसान व ग्रामीण कभी खुद पैसे के लालच मे, कभी दलालों के माध्यम से बहला फुसला कर या फिर मजबूरी वश अपनी कृषि युक्त जमीनों को उद्योगों के सूपूर्द कर दिया जा रहा है। इससे संपूर्ण छत्तीसगढ़ मे कृषियुक्त भूमि समाप्त होते जा रहा है। जिसका दुष्प्रभाव छत्तीसगढ़ ” धान के कटोरा ” के नाम से पुरे देश में विख्यात है। वह अब वो दिन दूर नहीं जब अब छत्तीसगढ़ ” लोहे का कटोरा ” कहलायेगा।
ज्ञात हो कि इसके आलावा बहुत सी बिमारिया, चोरी, डकैती, हत्या, बलात्कार, जैसी बहुत से अपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मीले रहा है। इस प्रकार से छत्तीसगढ़ सरकार व केन्द्र सरकार को भी इस विषय पर गंभीरता से विचार विमर्श कर आवश्यक कदम उठाने चाहिए।