
हाईकोर्ट ने सरोरा महतारी सदन मामले में अधिकारियो को अवमानना का नोटिस जारी,
रायपुर,तिल्दा (संवाददाता – मनोज शुक्ला) : छत्तीसगढ़ के जिला रायपुर के तिल्दा नेवरा क्षेत्र के ग्राम सरोरा मे शीतला मंदिर प्रागण मेँ शँकराचार्य मंच के सामने द्वेष वश किये जा रहें। महतारी सदन के काम पर हाईकोर्ट,उच्च न्यायालय ने आगे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। वही इस संबंध में न्यायालय के आदेश का उल्लंघ्न करने की शिकायत पर संबंधित अधिकारियो को न्यायालय ने अवमानना का नोटिस भी जारी कर जवाब माँगा है।
गौरतलब हो कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दिन स्थानीय विधायक व मंत्री टंकराम वर्मा ने ग्राम सरोरा के खसरा न. 1317/4 पर महतारी सदन भवन निर्माण का शिलान्यास, तत्कालीन सरपंच बिहारी राम वर्मा के साथ किया था। किन्तु उक्त भवन का स्थल मनमाने तरीके से द्वेष पूर्वक शंकराचार्य के शिष्यों को नीचा दिखाने के लिए बिहारी वर्मा द्वारा बदलकर। शंकराचार्य मंच के सामने करने हेतु। कमलेश चन्द्राकर,उप अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, तिल्दा के माध्यम से निर्माण कार्य हेतु। ले-आऊट देकर निर्माण प्रारंभ करा दिया गया ।

ज्ञात हो कि इस पर मां शीतला समिति के अधिकांश सदस्यों व शंकराचार्य के शिष्यों द्वारा विरोध जताया गया। वही राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा व आशुतोष देवांगन, SDM के पास कार्य शिलान्यास स्थल पर ही किये जाने हेतु अनुरोध किया गया। किन्तु स्थानीय विधायक व मंत्री के असहयोग के कारण समिति के सदस्यों को उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दर्ज कराना पड़ा।जो कि 13 जून, 2025 को केस क्रमांक 2825/2025 के तहत प्रकरण की सुनवाई की व सरकारी पक्ष के वकील सतीश गुप्ता के अनुरोध पर 10 दिन का समय जबाब प्रस्तुत करने हेतु दिया गया है। वही लिखित में वैधानिक वचन दिया गया है कि जब तक न्यायालय में फैसला नहीं हो जाता। तब तक कोई कार्य नहीं किया जाएगा। किन्तु वर्तमान सरोरा के सरपंच पति विश्राम साहू के दबाव में न्यायालय मेँ दिए गए। आश्वासन का उल्लंघन करते हुए। निर्माण कार्य पूरे जोर-शोर से प्रांरभ कर दिया गया। इस पर पुनः शीतला समिति द्वारा न्यायालय में अवमानना का प्रकरण दर्ज कराया गया। जिस पर आज माननीय न्यायालय ने सुनवाई करते हुए। निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने व न्यायालय के आदेश के उल्लघन के लिए दोषी मानते हुए। रायपुर जिला स्तर के आला अधिकारियों व सरपंच ग्राम पंचायत सरोरा को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया हैँ।

अवगत यह भी हो कि मां शीतला समिति की ओर से वरिष्ठ वकील हेमन्त गुप्ता व अनिल त्रिपाठी ने पक्ष रखा। उक्त स्थगन से शीतला समिति के सदस्यों व शंकराचार्य के शिष्यों मेँ हर्ष व्याप्त है। वही मंदिर समिति के सभी सदस्यों ने इसे न्याय की जीत भी बताया है। उक्त जानकारी मां शीतला समिति के उप सँरक्षक दाऊ डी. डो. अग्रवाल द्वारा दी गई है।