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न्यू विस्टा सीमेंट रिसदा मे मांगो को लेकर 26 से हडताल पर बैठेगे

बलौदाबाजार : समीपस्थ क्षेत्र के ग्राम रिसदा मे संचालित न्यू विस्टा सीमेंट प्लांट में मजदूरों के साथ लगातार हो रहे। अन्याय अत्याचार एवं शोषण के खिलाफ मैनेजमेंट को कई बार समस्या का निवारण एवं वेतन विसंगति और कई ठेकेदार द्वारा कम वेतन दिए जाने के लिए आवेदन दिये गये। इसके बाद भी निराकरण नहीं करने के कारण व बात नही किये गये के कारण अब यहां के श्रमिको का इंटक यूनियन के बैनर तले हडताल पर बैठने की कवायद शुरू कर दिया गया है।

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बता दे कि अब यहां के श्रमिको के द्वारा इंटक यूनियन के नेतृत्व में दिनांक 22/10/24 को इंटक यूनियन के तत्वाधान में हड़ताल का ज्ञापन प्लांट मैनेजमेंट को सोपा गया है। जिसमे तीन दिवस के अंदर में हमारे मांगो को पूर्ण नहीं किया जाता है। तो यहां के श्रमिको के द्वारा 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण हड़ताल सभी मजदूर भाइयों द्वारा किया जाएगा।

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इस ज्ञापन सौंपने के अवसर पर प्रमुख रूप से इंटक यूनियन के पदाधिकारीगण जिसमे मुख्य रूप से अध्यक्ष- चिन्तामड़ी डोगरे के नेतृत्व में पदाधिकारी जिसमे उपाध्यक्ष- अनिल खुटे , सचिव -जगमोहन घृतलहरें महासचिव-कैलाश वर्मा,कोषाध्यक्ष – गुरुचरण
मंत्री- महेश्वर बंधे
सुरेश.यशवंत. ज्वाला जोशी. राजकुमार. पवन उपस्थित थे। एवं प्लांट के सभी मजदूर उपस्थित थे। जिसमें सभी प्रमुख मांग को रखा गया है।

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ज्ञात हो कि बलौदाबाजार जिले व रायपुर जिला के अंतर्गत बहुत से सीमेंट प्लांट है जहां पर मनमानी प्रबंधन के द्वारा किया जा रहा है। मजदूरों का निरंतर शोषण किया जा रहा है। कही कोई श्रम कानून का पालन नही किया जा रहा है। तो कही सरकार के द्वारा राजपत्र मे घोषित सेवानिवृत्त 58 से 60 साल कर दिये जाने का पालन नही किया जा रहा है। इससे श्रमिकों को इस लाभ से वंचित होना पड रहा है। वही केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकारों के तरफ से वेतन व भत्ते मे बढोत्तरी का आदेश जारी करने के बाद भी बहुत से बडे उद्योग के द्वारा वह पालन नही किया जा रहा है। इतना ही नहीं सुरक्षा मानकों का केवल कागजों, बेनर पोस्टर व लोपा पोती कर काम चलाया जा रहा है। अयसे बहुत सी समस्याएं हैं। जिसे लेकर ही उद्योग के श्रमिको को संघर्ष करना पड रहा है। पर विडंबना यह भी है कि इन सब बातों का इल्म यहां के मंत्री विधायक सांसद, सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों को भलीभांति अवगत होते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं। तो कही दिखावे की कर्वाईया की जाती रही है। लोगो को इन सबसे आश्वासन ही हाथ लगता रहा है। विडंबना यह भी है कि इसमे बहुत कुछ ट्रेड यूनियन व इसके पदाधिकारियों के भी यही रवैये है। क्योंकि वह पांकेट यूनियन के रूप मे काम करते हैं। जिसके कारण वह प्रबंधन के इशारे पर काम करक हैहै। यह जानकारी चेतेंद्र वर्मा ने दिया।

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