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कसडोल DAV मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव मे उमडी जनसैलाब बच्चों की मनमोहक प्रस्तुति में


कसडोल (गुनीराम साहू ) : विकासखंड कसडोल के समीपस्थ ग्राम छरछेद के डी ए वी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में आज वार्षिक उत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दिया। जिसमें कई राज्यों की सांस्कृतिक विविधता की झलक देखने को मिली। विशेष रूप से राज्य-स्तरीय लोक नृत्य कार्यक्रमों ने दर्शकों का मन मोहा। वहीं एक विशेष नाटक ने शहीद वीर नारायण सिंह के शौर्य और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित कीया ।

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इस कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्राचार्य श्री भुवनेंद्र सिंह एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई। इसके बाद, विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य प्रस्तुत किए गए। जिनमें राजस्थान का घूमर, पंजाब का भांगड़ा, उत्तर प्रदेश का कथक, और छत्तीसगढ़ का राउत नाचा नृत्य प्रमुख थे। छात्रों ने इन नृत्यों को इतनी जीवंतता से प्रस्तुत किया। जीससे कि दर्शकों को विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव हुआ।

बता दे कि इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण शहीद वीर नारायण सिंह पर आधारित नाटकरहा है। जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक के जीवन और बलिदान पर आधारित था। इस नाटक के माध्यम से विद्यार्थियों ने वीर नारायण सिंह की शौर्यगाथा को जीवंत किया। नाटक ने न केवल दर्शकों को वीरता की महिमा से परिचित कराया। बल्कि उन्होंने इस महान स्वतंत्रता सेनानी के संघर्ष और उनके योगदान को भी गहराई से समझा। नाटक में छात्रों ने वीर नारायण सिंह के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को सजीव रूप में प्रस्तुत किया। जिससे दर्शक भावुक हो गए।

ज्ञात हो कि इस विद्यालय के छात्रो ने अभिनेता राज कपूर के फिल्म इंडस्ट्री में 100 वर्ष पूर्ण होने पर उनका विशेष सम्मान किया, जिसने समां बांध दिया। इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा खेलकूद एवं योगा के महत्त्व को बताते हुए भी प्रस्तुति दी। जिसे अतिथियों और अभिभावकों ने खूब सराहा ।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खेलकूद व युवा कल्याण एवं राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा जी को आमंत्रित किया गया था। पर अपरिहार्य कारणों से उनके प्रोटोकॉल में बदलाव के चलते वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।कार्यक्रम के दौरान, विद्यालय के प्राचार्य श्री भुवनेंद्र सिंह ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आज का यह आयोजन न केवल हमारे बच्चों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह हमारी शिक्षा प्रणाली के प्रति हमारे सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है। हम अपने बच्चों को केवल शैक्षिक सफलता नहीं, बल्कि उन्हें समाज के जिम्मेदार नागरिक और कला-संस्कृति के संरक्षक भी बनाना चाहते हैं।

गौरतलब हो कि प्राचार्य ने कार्यक्रम में उपस्थित अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों का भी धन्यवाद करते हुए कहा, “आपके समर्थन और सहयोग के बिना इस तरह के आयोजनों की सफलता संभव नहीं हो सकती थी। यह हम सभी की एकजुटता और प्रयासों का परिणाम है कि आज हमारे विद्यालय के बच्चे न केवल शैक्षिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय अपने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा और भविष्य में ऐसे आयोजन और भी बढ़ाए जाएंगे ताकि बच्चों में और अधिक आत्मविश्वास और नयापन आए।उन्होंने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आज का यह आयोजन न केवल हमारे बच्चों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह हमारी शिक्षा प्रणाली के प्रति हमारे सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है। हम अपने बच्चों को केवल शैक्षिक सफलता नहीं, बल्कि उन्हें समाज के जिम्मेदार नागरिक और कला-संस्कृति के संरक्षक भी बनाना चाहते हैं।”

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कार्यक्रम के दौरान, डी ए वी स्कूल, सोनाडीह की प्राचार्या श्रीमती अलका शर्मा एवं डी ए वी स्कूल, सकरी के प्राचार्य श्री एम शशी कुमार विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने विद्यालय के छात्रों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण से नीट जैसी कठिन परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सम्मानित किया एवं पुरस्कार वितरण समारोह में छात्रों की विशेष प्रतिभा को सराहा और उन्हें प्रेरित किया एवं छात्रों की तारीफ की और कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों की प्रतिभा निखरती है और यह उनके समग्र विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य छात्रों को सिर्फ शैक्षिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व और कौशल के विकास के लिए भी तैयार करना है।

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कार्यक्रम में विद्यार्थियों के दादा दादी एवं नाना नानियों का सम्मान किया गया। जो बुजुर्गों के प्रति विद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती दिखाई दी।कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक पार्थ वैष्णव ने किया।
कार्यक्रम के समापन पर, प्राचार्य श्री भुवनेंद्र सिंह ने विद्यालय के छात्रों की मेहनत और समर्पण को सराहा और उन्हें भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का भाव जागृत होता है। विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों ने इस आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। इस शानदार सांस्कृतिक आयोजन ने कसडोल के नागरिकों के बीच एकता और अखंडता का संदेश दिया, साथ ही बच्चों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का अवसर भी प्रदान किया। कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों और कसडोल एवं आस पास के क्षेत्रों के नागरिकों ने भी कार्यक्रम की भरपूर सराहना की। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह आयोजन न केवल बच्चों की प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक मंच था, बल्कि इससे भारत की सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक एकता का संदेश भी दिया गया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न राज्य-स्तरीय लोक नृत्य एवं अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों ने दर्शकों का दिल छू लिया।

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यह वार्षिक उत्सव न केवल बच्चों के लिए, बल्कि कसडोल के नागरिकों के लिए भी एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब शिक्षा और संस्कारों का संगम होता है, तो वह समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।

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