
प्रख्यात साहित्यकार डॉ. कमल किशोर गोयनका का निधन, साहित्य जगत में शोक की लहर
प्रेमचंद और प्रवासी साहित्य के विशेषज्ञ थे, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दी विनम्र श्रद्धांजलि
रायपुर, 2 अप्रैल 2025: हिंदी साहित्य के ख्यातिप्राप्त समालोचक और प्रेमचंद साहित्य के विशेषज्ञ डॉ. कमल किशोर गोयनका का निधन हो गया। उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। वे अखिल भारतीय साहित्य परिषद के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. गोयनका का योगदान हिंदी साहित्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में अविस्मरणीय रहेगा।
हिंदी साहित्य में डॉ. कमल किशोर गोयनका का योगदान
डॉ. कमल किशोर गोयनका का नाम हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित आलोचकों में शुमार रहा है। वे प्रेमचंद साहित्य के गहन अध्ययन और शोध कार्य के लिए विशेष रूप से जाने जाते थे। उन्होंने प्रेमचंद की रचनाओं का विश्लेषणात्मक अध्ययन कर हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा, उन्होंने प्रवासी साहित्य पर भी गहन शोध किया और इस क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
➡ प्रेमचंद साहित्य के विशेषज्ञ के रूप में ख्याति प्राप्त थी।
➡ हिंदी आलोचना और प्रवासी साहित्य पर कई शोधपरक लेख लिखे।
➡ अखिल भारतीय साहित्य परिषद के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने डॉ. गोयनका के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा,
“लब्धप्रतिष्ठ समालोचक, प्रेमचंद एवं प्रवासी साहित्य के विशेषज्ञ डॉ. कमल किशोर गोयनका का निधन साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। विनम्र श्रद्धांजलि!”
हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर थे डॉ. गोयनका
डॉ. गोयनका ने हिंदी साहित्य को शोधपरक दृष्टि दी और खासकर प्रेमचंद साहित्य को नए आयाम दिए। उनकी लिखी कई महत्वपूर्ण पुस्तकें हिंदी साहित्य के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए मील का पत्थर मानी जाती हैं।
➡ उनकी रचनाएँ प्रेमचंद साहित्य को समझने की नई दृष्टि देती हैं।
➡ प्रवासी साहित्य पर किए गए उनके शोध कार्य हिंदी साहित्य में एक नया अध्याय जोड़ते हैं।
➡ साहित्य परिषद में रहते हुए उन्होंने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कई कार्य किए।
साहित्य जगत में शोक की लहर
डॉ. गोयनका के निधन पर हिंदी साहित्य जगत के कई बड़े लेखकों, आलोचकों और साहित्यकारों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उनका कहना है कि उनके जाने से हिंदी साहित्य की दुनिया में एक बड़ा खालीपन आ गया है, जिसे भर पाना मुश्किल होगा।
➡ हिंदी अकादमी और साहित्य परिषद के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि उनका योगदान हिंदी साहित्य के लिए अविस्मरणीय रहेगा।
➡ युवा साहित्यकारों ने उन्हें प्रेरणास्त्रोत बताया और कहा कि उनका लेखन आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का काम करेगा।
➡ हिंदी प्रेमियों और शोधकर्ताओं ने कहा कि उनका शोध और आलोचना कार्य हिंदी साहित्य को एक नई दिशा देने वाला था।
डॉ. गोयनका का साहित्यिक सफर और प्रमुख कृतियाँ
डॉ. कमल किशोर गोयनका ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का लेखन किया, जिनमें प्रेमचंद के साहित्य पर आधारित शोध ग्रंथ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उनके द्वारा लिखी गई कृतियाँ हिंदी साहित्य के अध्ययन के लिए एक अनमोल धरोहर के रूप में जानी जाती हैं।
➡ प्रेमचंद के साहित्य पर आधारित उनकी पुस्तकों ने हिंदी आलोचना को नई दिशा दी।
➡ प्रवासी साहित्य के क्षेत्र में उन्होंने गहराई से शोध किया और इसे एक नई पहचान दिलाई।
➡ उनकी आलोचनात्मक शैली ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया और साहित्यिक मापदंड स्थापित किए।
हिंदी साहित्य को अपूरणीय क्षति
डॉ. कमल किशोर गोयनका का निधन हिंदी साहित्य के लिए एक युग का अंत है। उन्होंने हिंदी साहित्य में जो योगदान दिया, वह अनमोल धरोहर के रूप में सदैव स्मरणीय रहेगा।
➡ हिंदी जगत में उनका योगदान युगांतरकारी था।
➡ उनके विचार और शोध कार्य हिंदी साहित्य को नई दिशा देते रहेंगे।
➡ साहित्य प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए उनकी कृतियाँ सदैव प्रेरणास्रोत बनी रहेंगी।
अंतिम विदाई – साहित्य का अनमोल सितारा हमेशा रहेगा याद
डॉ. गोयनका के निधन से हिंदी साहित्य ने एक अनमोल सितारा खो दिया। उनकी यादें, उनके शोध और उनकी रचनाएँ हमेशा साहित्य प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेंगी। उनकी अंतिम यात्रा में साहित्य जगत की कई प्रमुख हस्तियाँ शामिल हुईं और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
➡ हिंदी साहित्य के प्रति उनका योगदान हमेशा अमर रहेगा।
➡ उनके विचार, शोध और लेखनी हिंदी साहित्य को सदियों तक दिशा दिखाते रहेंगे।
श्रद्धांजलि:
हिंदी साहित्य के इस अनमोल सितारे को शत्-शत् नमन! ईश्वर उनकी पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।