
समय है मन की अयोध्या सजाने का: मुख्यमंत्री साय का संदेश, स्वदेश पत्र समूह ने भारतीयता को किया सशक्त
रायपुर में 'विमर्श' कार्यक्रम का आयोजन, श्रीराम के आदर्शों को अपनाने का आह्वान
रायपुर, 1 अप्रैल 2025: राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय विचार पत्रिका “स्वदेश” द्वारा विशेष कार्यक्रम “विमर्श” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का विषय “समय है अब मन की अयोध्या को सजाने का” रहा, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री रामदत्त चक्रधर ने मुख्य वक्ता के रूप में विचार प्रस्तुत किए।
भगवान श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने का संदेश
मुख्य वक्ता श्री रामदत्त चक्रधर ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाकर ही हम अपने मन, परिवार और राष्ट्र को सशक्त बना सकते हैं। उन्होंने श्रीराम के धैर्य, वचनबद्धता, न्यायप्रियता, करुणा और समभाव जैसे गुणों का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि हम इन गुणों को अपने जीवन में उतारें, तो एक आदर्श समाज का निर्माण संभव है। उन्होंने बताया कि भगवान राम ने कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य का पालन किया, जो आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है।
छत्तीसगढ़ की लोक कला और संस्कृति पर केंद्रित ग्रंथों का विमोचन
इस अवसर पर दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन किया गया— “राम काजु कीन्हें बिनु”, जो अयोध्या आंदोलन पर केंद्रित है, एवं छत्तीसगढ़ की लोक कला-संस्कृति पर आधारित ग्रंथ। इन पुस्तकों का विमोचन मंच से हुआ, जिसमें समाज की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में उठाए गए कदमों को दर्शाया गया।
स्वदेश पत्र समूह ने भारतीयता की भावना को किया सशक्त – मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि स्वदेश पत्र समूह पिछले सात दशकों से भारतीयता की भावना को समाज में सुदृढ़ करने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वदेश पत्रिका का इतिहास अत्यंत समृद्ध है और यह पत्र 1948 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की परिकल्पना से प्रारंभ हुआ था।
उन्होंने आपातकाल के दौरान स्वदेश पत्र समूह की भूमिका को भी रेखांकित किया और बताया कि कैसे इस समाचार पत्र ने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मीसाबंदियों के
लिए सम्मान निधि को पुनः प्रारंभ किया है, जिससे लोकतंत्र की रक्षा करने वालों को उचित सम्मान दिया जा सके।
रामराज्य की कल्पना को साकार करने की दिशा में कार्यरत सरकार
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की भूमि है और भगवान श्रीराम यहां के भांजा माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि रामराज्य का अर्थ है—न्याय, सेवा और पारदर्शिता। हमारी सरकार श्रीराम के आदर्शों को अपनाकर जनता की सेवा में तत्पर है। उन्होंने यह भी बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है, जिससे सशक्त और विकसित भारत 2047 की परिकल्पना को साकार किया जा सके।
विधानसभा अध्यक्ष एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य क्षेत्र के संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, स्वदेश पत्रिका के संपादक श्री अतुल तारे एवं प्रबंध संपादक श्री यशवर्धन जैन मंच पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की प्रस्तावना समूह संपादक श्री अतुल तारे ने रखी, संचालन श्री शशांक शर्मा ने किया और आभार प्रदर्शन स्थानीय संपादक श्री योगेश मिश्रा ने किया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छत्तीसगढ़ प्रांत प्रचारक श्री अभयराम, प्रांत संघचालक डॉ. टॉपलाल वर्मा, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
‘विमर्श’ कार्यक्रम में भगवान श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने और राष्ट्र निर्माण में भारतीय संस्कृति के महत्व पर गहन विचार विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वदेश पत्र समूह की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इसने भारतीयता और राष्ट्रवाद को मजबूती प्रदान की है। इस आयोजन ने उपस्थित लोगों को रामराज्य की अवधारणा और आदर्श समाज के निर्माण की दिशा में प्रेरित किया।