Political News

कांग्रेस अधिवेशन में मंथन: मोदी सरकार पर वार करें या देश को दिखाएं नया विकल्प? | जानें खड़गे और थरूर के बीच वैचारिक टकराव – CM24News.com

ईवीएम, लोकतंत्र और भविष्य की राह पर कांग्रेस में दो मत – खड़गे बोले संस्थाएं हो रही हैं कमजोर, थरूर बोले उम्मीद और नवाचार ही रास्ता

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले कांग्रेस पार्टी के अधिवेशन में पार्टी की रणनीति को लेकर गहन चर्चा हुई। एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला, तो दूसरी ओर वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पार्टी को ‘उम्मीद का प्रतीक’ और ‘भविष्य की आवाज’ बनाने की बात कही। यह बहस कांग्रेस की रणनीतिक दिशा को लेकर उभरती दो धाराओं की ओर इशारा करती है – आक्रामक विरोध बनाम रचनात्मक विकल्प।breaking news

अधिवेशन में खड़गे ने चुनाव प्रक्रिया पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि “बीजेपी लगातार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं की साख पर भी आंच आ रही है।”

खड़गे ने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है और जनता के मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। “जब संस्थाएं कमजोर होती हैं, तो लोकतंत्र खतरे में आ जाता है,” उन्होंने जोर देकर कहा। इसके अलावा उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों को उठाया और मोदी सरकार को इन मोर्चों पर विफल बताया।

वहीं शशि थरूर का रुख कुछ अलग नजर आया। उन्होंने पार्टी को एक सकारात्मक दिशा में ले जाने की बात कही। थरूर ने कहा, “कांग्रेस को नाराजगी की नहीं, उम्मीद की पार्टी बनना होगा। हमें सिर्फ अतीत पर नहीं, भविष्य पर भी फोकस करना चाहिए।” उन्होंने युवाओं को जोड़ने, डिजिटल माध्यमों का बेहतर उपयोग करने और जनता को एक नया भारत दिखाने की बात कही।

थरूर ने यह भी जोड़ा कि विपक्षी दलों की एकता जरूरी है लेकिन कांग्रेस को खुद को मजबूत करने के लिए आत्ममंथन की आवश्यकता है। “देश को नकारात्मक राजनीति से ऊपर उठने की जरूरत है। लोग बदलाव चाहते हैं, लेकिन केवल विरोध से बदलाव नहीं आएगा। हमें विकल्प देना होगा,” उन्होंने कहा।a hand photo with the orange and white and green background

इस वैचारिक मतभेद ने कांग्रेस के भीतर चल रही रणनीतिक सोच की विविधता को उजागर किया है। जहां एक ओर पार्टी का एक गुट मोदी सरकार पर हमला तेज करने की रणनीति को सही मानता है, वहीं दूसरा गुट जनता को एक मजबूत और विश्वसनीय विकल्प देने पर जोर देता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के लिए यह वक्त निर्णायक है। पार्टी को तय करना होगा कि वह केवल सत्ता विरोधी राजनीति करेगी या खुद को एक नए भारत के निर्माण के वाहक के रूप में पेश करेगी।

इस अधिवेशन के बाद कांग्रेस की चुनावी रणनीति को लेकर उत्सुकता और बढ़ गई है। क्या पार्टी जनता के सामने अपने एजेंडे को सकारात्मक रूप में रख पाएगी? या फिर मोदी सरकार के खिलाफ ही पूरा चुनावी नैरेटिव बनेगा? आने वाले समय में पार्टी के चुनावी घोषणापत्र और जनसभाएं इसका जवाब देंगी।

एक बात तो तय है – कांग्रेस के लिए यह चुनाव केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि उसकी विचारधारा, संगठन और नेतृत्व की कसौटी भी होगी। और यही तय करेगा कि कांग्रेस 2024 में सिर्फ विपक्ष में रहेगी या सत्ता की दावेदार भी बन पाएगी।

cm24news

आप सभी का हमारे वेबसाइट पर हार्दिक स्वागत है आपको इस वेबसाइट पर छत्तीसगढ़ से जुड़े आवश्यक न्यूज़ एवं अपडेट देखने को मिलेंगे इस वेबसाइट में अलग-अलग वर्गों की रूचि का ख्याल रखते हुए हम खबरों का चयन करते हैं। समसामयिक खबरों के अलावे हम राजनीति, ब्यूरोक्रेसी, अपराध, बिजनेज, गैजेट, आध्यात्म, मनोरंजन, खेलकूद से जुड़ी खबरें आप तक पहुंचाते हैं। देश में कर्मचारी व शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग है, उनसे जुडी खबरों को भी हम प्रमुखता की श्रेणी में रखते हैं। युवाओं को रोजगार संबंधी सूचना तत्काल मिले, इसे लेकर भी हमने अपनी वेबसाइट में जॉब/शिक्षा का एक अलग कॉलम रखा है, ताकि युवाओं को रोजगार संबंधी सूचनाएं मिल सके। ~ CM24News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles