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रतनपुर दशकर्म घाट | गौशाला घाट बना है दशकर्म घाट प्रशासन की आंखों में धूल झोंकता बेजाकब्जा

बेजा कब्जा की हद यह है कि दशकर्मघाट भी न छुटा जनप्रतिनिधि व प्रशासन मौनी भगत

रतनपुर दशकर्म घाट

रतनपुर बिलासपुर :

छत्तीसगढ़ के जिला बिलासपुर के समीपस्थ रतनपुर मे बेजाकब्जा की अयशी मामला सामने आया है। जहां कभी श्रद्धा और संस्कार की अंतिम विदाई दी जाती थी। वहां आज गायो पशुओं को बंधीजाती हैं। यहां गोबर बह रहा है।

 

बता दे कि कृष्णार्जुनी तालाब का पवित्र दशकर्म घाट अब निजी गौशाला में तब्दील हो चुका है। और ये सब हो रहा है। यहा कि जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता व प्रशासन की मौन स्वीकृति से।

 

ज्ञात हो कि सूत्रों के अनुसार एक सरकारी शिक्षक के परिजन ने सार्वजनिक संपत्ति पर जबरन कब्जा कर। घाट पर ही व्यावसायिक गौशाला खड़ी कर दी है। न मृत आत्माओं की शांति की चिंता, न परंपरा की गरिमा का ख्याल।और तो और, राजस्व विभाग ने इस गंभीर मामले को महज़ पंचनामा औऱ रकबा नाप की खानापूर्ति कर रफा-दफा कर दिया है। यानी कागजों में जांच, ज़मीन पर कब्जा बरकरार है।

रतनपुर दशकर्म घाट

यहां पर समझने वाली बात यह भी है कि क्या प्रशासन अब श्रद्धा स्थलों को भी कमर्शियल ज़ोन मानने लगा है।

यहां पर जनता की मांग साफ है। जीसमे घाट को मुक्त कर मूल स्वरूप में लौटाया जाए। साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।वरना श्रद्धा और संस्कार दोनों का दम इसी गोबर में घुट जाएगा। इस पर जनप्रतिनिधियों व प्रशासन को संज्ञान लेते चाहिए।

 

रतनपुर दशकर्म घाट

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